मंगल कलश यात्रा से हुआ संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ ।
*जो कलश यात्रा में चलते हैं सुख समृद्धि उनका साथ कभी नहीं छोड़ती= किशोरी वैष्णवी गर्ग जी*
दमोह । किशोरी वैष्णवी गर्ग जी के मुखारबिंद से 26 अप्रैल से 3 मई तक शाम 3 बजे से हरी इच्छा तक हो रही हैं ,श्रीमद्भागवत कथा से पूर्व निकाली गई कलश यात्रा से वातावरण भक्तिमय हो गया। उत्साह व उमंग के साथ कलश यात्रा में भाग लिया ।श्रीमद्भभगवद पोथी अपने सिर पे लेकर चल रहे थे। कलश यात्रा में शामिल महिला-पुरुषों का उत्साह देखते ही बन रहा था। सभी भक्त जय श्री राम ,माता रानी के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। डीजे की मधुर भजनों की धुन पर युवा युवती की टोली थिरकते नाचते गाते भक्तों संग कलश यात्रा गंगा झिरिया से दसोंदी धाम पहुंची जहा विधि विधान से पंडितों द्वारा भक्तजानो ने पूजन किया कलश की स्थापना की गई।
भागवत कथा के प्रथम दिवस कथा व्यास किशोरी जी ने कलश यात्रा का महत्व बताते हुए कहा कि कलश सुख समृद्धि का प्रतीक है जो लोग कलश यात्रा में चलते हैं । सुख समृद्धि उनके साथ कभी नहीं छोड़ती और
परमात्मा की विशेष कृपा
के पात्र हो जाते हैं । श्रीमद् भागवत महात्म्य कथा एवं श्री शुकदेव आगमन, नारदजी की कथा, राजा परिक्षित को श्राप तथा विदुर कथा से वातावरण भक्ति मे सराबोर हो गया। उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा का संक्षेप में श्रोताओं को सार बताते हुए कहा कि मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पुण्यों का उदय होने पर ही श्रीमद् भागवत जैसी भगवान की दिव्य कथा श्रवण का सौभाग्य मिलता है। भागवत रूपी गंगा की धारा पवित्र और निर्मल है जो पापियों को भी तार देती है। भगवान का वामन अवतार, कपिलोपाख्यान एवं ध्रुव- चरित्रादि का वर्णन और ध्रुव कथा,को नर्सिंग अवतार पर प्रसंग 29 मई को श्रीकृष्ण जन्म, नंदोत्सव, 30 मई को कृष्ण की बाललीला, मटकी फोड़ एवं गोवर्धन पूजा,01 जून को महारास, कंसवध, रुक्मिणी- कृष्ण विवाह व 02 मई को सुदामा चरित्र, श्री शुकदेव पूजन, परीक्षित मोक्ष और 03 मई को पूर्ण आहुति भंडारा के साथ भागवत कथा का विश्राम होगा। इस अवसर पर आसपास से सैकड़ों संख्या में भक्तजन कथा का रसपान के लिए आ रहे है। मुख्य यजमान समस्त दसोंदी धाम भक्तगण आप सभी से कथा श्रवण करने की अपील की है