रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। संभाग मुख्यालय पर भोपाल जाने वाली रोड पर एसपीएम रेलवे क्रॉसिंग के पास खोजनपुर में डेरा सच्चा सौदा सिरसा(हरियाणा)की करीब 8 एकड़ 40 डिसमिल की बहुमूल्य जमीन है। जिसे फर्जी तरीके से फर्जी सेवादार द्वारा बेच दिया गया था। उक्त मामले में सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा सीजेएम कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2022 मई में डेरा सच्चा सौदा सिरसा हरियाणा के सेवादार प्रवेश कुमार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें उस दौरान पुलिस ने संतोष जैन, शरद सिसोदिया, कृष्ण कुमार पटेल, प्रतिरूपित व्यक्ति ओमप्रकाश बरेठा व अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 423, 465, 467,471,120 बी के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया था। इसके बाद संतोष कुमार जैन ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों सहित थाना प्रभारी को आवेदन देकर अवगत कराया कि उनके साथ छल और धोखाघड़ी की गई है और पूरे मामले की जांच की मांग भी की। वही सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा जुलाई 2023 में मामले में की गई जांच में अधिवक्ता सुशील गोयल सहित अन्य का नाम भी आरोपियों के नाम में जोड़ दिया था। उसके बावजूद भी सिटी पुलिस बढ़ाए गए आरोपी के नाम बताने से बचती रही। पिछले सप्ताह ही सिटी कोतवाली टीआई सौरभ पांडे से डेरा सच्चा सौदा जमीन मामले में आरोपियों के नाम बढ़ाए जाने की जानकारी मांगी गई तो उनके द्वारा अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि मामला अभी जांच में है । इसलिए हम नाम नहीं बता सकते। सोमवार 21 अप्रैल को जब न्यायालय में अग्रिम जमानत की खबर सामने वायरल हुई तब एसडीओपी पराग सैनी द्वारा देर शाम अवगत कराया गया कि माननीय न्यायालय से अभिमत के बाद अधिवक्ता सुशील गोयल, उनके दोनों पुत्र दिव्यांश, एकांश गोयल सहित अधिवक्ता आरपी यादव को आरोपी बनाया गया है। अभी छद्म आरोपी ओमप्रकाश बरेठा की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सिटी कोतवाली पुलिस इस बहुचर्चित मामले में न्यायालय में चालान पेश करने वाली है। अब सवाल यह भी खड़े हो रहे हैं कि वर्ष 2022 में दर्ज हुए बहुचर्चित डेरा सच्चा सौदा जमीन फर्जीवाड़ा मामले में फरार फर्जी विक्रेता प्रतिरूपित व्यक्ति ओमप्रकाश बरेठा की गिरफ्तारी नहीं होने के बावजूद कैसे पुलिस चालान प्रस्तुत करेगी ? क्या अधिवक्ता सुशील गोयल को गिरफ्तार कर प्रतिरूपित व्यक्ति ओमप्रकाश बरेठा के संबंध में पूछताछ करेगी पर भी सवाल हैं ? दूसरी तरफ यह बात भी सामने आ रही है कि थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 320/22 में पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी नर्मदापुरम से जांच कराई गई थी जिसके आधार पर जांच में अधिवक्ता सुशील गोयल और उनके दोनों पुत्रों सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है। बताया जाता है कि संतोष कुमार जैन ने पुलिस महानिरीक्षक को आवेदन देकर निवेदन किया है कि पुलिस माननीय न्यायालय में आधा अधूरा चालान पेश नहीं करें और लोक अभियोजक के प्रतिवेदन में सुशील गोयल को गिरफ्तार के उल्लेख पर भी पुलिस द्वारा सुशील गोयल की गिरफ्तारी नहीं किए जाने पर सवाल उठाए हैं। फिलहाल पूरा मामला सुर्खिया में है।