*ग्राम जुआझर में बाकूड सरपंच श्री भैयालाल बैठे,प्राoशाo जुआझर के शिक्षक एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में नवनिर्माण की साथी सदस्य श्रीमती नेहा नागर के सहयोग से बालिकाओं को नए कपड़े व नन्हे मुन्नों के साथ ही उपस्थित गण को फलहार भी कराया*
*घोड़ाडोंगरी:* घुटन क्या चीज हैं, यह पूछिए उस बच्चे से, जो काम कर रहा है रोटी के लिए, महुआ के पेड़ के नीचे, जिसे ग्रामीणों ने नवनिर्माण अध्यक्षा व समाज सेविका के समक्ष ग्रामीणों की पीड़ा बयान की, जिन नौनिहालों के हाथों में खिलौने होने उन मासूमों को महुवा बिन ना पड़ रहा इस से बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है। चुकी पंचायती राज के घोड़ाडोंगरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बाकूड के ग्राम जुआझर में दिनांक 09 अप्रैल 2025 को आगामी
अंबेडकर जयंती को देखते हुए समाज सेविका व नवनिर्माण अध्यक्षा श्रीमती मुमताज शेख़ और सहयोगी सदस्य साथी श्रीमती नेहा नागर के साथ ग्राम जुआझर पहुंचकर प्राथमिक शाला के नौनिहाल को फलहार और ग्राम की 12 से 18 साल की बालिकाओं को नए कपड़े सलवार सूट सप्रेम भेट कर शिक्षा, समानता और बाबासाहेब की उपलब्धियां विस्तार पूर्वक बालिकाओं और ग्रामीणों के समक्ष रखते हुए बाबासाहेब और शिक्षा का महत्व बताया। श्रीमती मुमताज ने कहा 14 अप्रैल डॉo बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने का दिन नहीं है, बल्कि यह दिन बाबासाहब के विचारों और उनके कार्यों को आत्मसात करने का भी दिन है। 14 अप्रैल को लोग बाबासाहब की शिक्षाओं और उनके संघर्षों को याद करते हैं, और समाज में समता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने का संकल्प लेते हैं, इस बात को समझना आमजन के लिए बेहद जरूरी है। आगे श्रीमती मुमताज शेख़ ने बताया कि 14 अप्रैल 1928 को पहली बार महाराष्ट्र राज्य के पुणे शहर में डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई थी। तभी से 14 अप्रैल की परंपरा शुरू हुई। जिस कारण हर साल भारतभर में इसे 14 अप्रैल को मनाया जाता है। अंबेडकर जयंती को भारत के कई राज्यों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी दी जाती है। वही नवनिर्माण की सदस्य साथी श्रीमती नेहा नागर “एरिया हॉस्पिटल पाथाखेड़ा स्टॉप नर्स” ने उपस्थित गणमान्य नागरिको के साथ ही बालिकाओं को स्वास्थ और शिक्षा के प्रति विस्तार पूर्वक जानकारी दी, साथ ही कहा अंबेडकर का जीवन एक प्रेरणा है, जिन्होंने समाज के शोषित वर्ग के लिए शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी। बाबासाहेब का योगदान भारतीय संविधान के निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण रहा हैं। वही बाकूड सरपंच श्री भैयालाल बैठे के शुभ हाथों बालिकाओं को नए कपड़े और फलहार वितरण किया गया। कार्यकर्म के अंत में नवनिर्माण अध्यक्षा व समाज सेविका श्रीमती मुमताज शेख़ सहयोगी साथी श्रीमती नेहा नागर ने ग्राम पंचायत बाकूड के सरपंच श्री भैयालाल बैठे, प्राथमिक शाला शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहकार्य कर्ता के सहयोग से वितरण कार्यकर्म को सफल बनाने पर आभार व्यक्त किया है।