नारी शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित महिला उद्यमिता योजना ने मध्यप्रदेश में गति पकड़ ली है। इसी क्रम में श्री विनायक अशोक लुनिया आगामी सात दिनों में इंदौर और उज्जैन संभाग के 100 से अधिक स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) से संपर्क करेंगे तथा 6000 से अधिक महिलाओं को सूक्ष्म उद्यमिता से जोड़ने की दिशा में कार्य करेंगे।
श्री लुनिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए उन्हें स्वरोजगार और निर्यात व्यापार से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि अगले छह महीनों में प्रदेश की 20,000 महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जोड़ने का लक्ष्य है, जिससे प्रदेश में लगभग 5 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। इससे राज्य सरकार को भी कर (Tax) के रूप में राजस्व की प्राप्ति होगी।
उन्होंने कहा, “हम सामाजिक एवं आर्थिक चुनौतियों के बावजूद निरंतर एनजीओ के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और सशक्त उद्यमी के रूप में देश के विकास में योगदान दे सकें।”
*केंद्र सरकार की योजनाओं से जुड़ा अभियान*
केंद्र सरकार की योजनाओं से जुड़ा अभियान*
श्री लुनिया ने बताया कि यह अभियान केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को ध्यान में रखते हुए संचालित किया जा रहा है। इसमें एमएसएमई मंत्रालय के तहत रोजगार सृजन, डिजिटल इंडिया के माध्यम से डिजिटल सशक्तिकरण, वाणिज्य मंत्रालय के सहयोग से इंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य हो रहा है। साथ ही यह प्रयास 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य में भी योगदान देगा।
श्री लुनिया ने कहा, “यदि देश की नारी शक्ति आगे बढ़े, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। हमें महिलाओं को अवसर देने की आवश्यकता है, वे स्वयं देश की सामाजिक और आर्थिक संरचना को मजबूती देने में सक्षम हैं।”
*मुख्यमंत्री और राज्यपाल को अवगत कराया गया*
श्री लुनिया ने इस अभियान की विस्तृत जानकारी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव तथा राज्यपाल श्री मंगुभाई सी. पटेल को औपचारिक पत्र लिखकर दी है। उन्होंने अपने पत्र में पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा, महिला सशक्तिकरण हेतु किए जा रहे प्रयासों तथा भविष्य की योजनाओं का उल्लेख करते हुए सरकार से मार्गदर्शन एवं सहयोग की भी अपेक्षा जताई है।