रीठी के समीपवर्ती ग्राम कछारखेड़ा में इन दिनों अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रामकथा वाचक पंडित निर्मल शुक्ल जी महाराज की रामकथा चल रही है। कथा के 6वे दिन पुष्प वाटिका में भगवान श्रीराम-माता सीता के मिलन का वर्णन किया।
कथा वाचक ने कहा कि
”लोचन मगु रामहि उर आनी, दीन्हे पलक कपाट सयानी” सीता और उनकी सखियां चिन्तित हो गई कि जिन्हें फूल तोड़ने में पसीना आ रहा है वे धनुष कैसे तोड़ पाएंगें।
कछारखेड़ा गांव के हनुमान मंदिर में चल रही रामकथा के छठवे दिन पुष्प वाटिका कथा का भक्तों ने श्रवण किया. बता दे चैत्र नवरात्रि के अवसर पर दिनांक 29 मार्च से 6 अप्रेल तक चल रही रामकथा में हर रोज हजारों लोग जुट रहे हैं। कथा नित्य दोपहर तीन बजे से होती हैँ.
भारतवर्ष में रामचरित मानस के उद्भट विद्वान मानस महारथी पंडित निर्मल शुक्ल ने कथा में बताया कि तुलसीदास जी ने 72 भाषाओं का प्रयोग करके रामचरितमानस की रचना की है. उन्होंने कहा कि एक रात जहां तुलसीदास रुक जाते थे वहां की भाषा सीख जाते थे. पंडित निर्मल शुक्ल ने दोहा और चौपाई के माध्यम से अपनी बात को सिद्ध करते हुए तुलसीदास जी के द्वारा बंगाली, ब्रजभाषा, बुंदेलखंडी, बघेलखंडी, इलाहाबादी, बनारसी, भोजपुरी, असमिया, तमिल, पंजाबी, गुजराती, मराठी, उर्दू, फारसी और अंग्रेजी भाषाओं के प्रयोग को सिद्ध भी किया.
कथा का सीधा प्रसारण निर्मल मानस परिवार यूट्यूब चैनल के माध्यम से किया जा रहा है. ग्राम कछारखेड़ा के भक्तजनो के सहयोग से चल रही इस राम कथा को सुनने भारी संख्या में भक्त पहुंच रहे है. आज कथा में सत्य सनातन धर्म सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित चंद्र भूषण दुबे, राम जानकी मंदिर रीठी के पुजारी रामकेत शास्त्री ल, मुहास हनुमान मंदिर के पुजारी अवधेश दुबे, पंडा सरमन पटेल, शिक्षक कांग्रेस के अध्यक्ष नवनीत चतुर्वेदी, संतोष पांडे, रेवाराम पांडे, राजेश मिश्रा, अशोक अवस्थी, आर सी दुबे बरजी, कुंजबिहारी परोहा, राजकुमार शिवहरे, यजुवेन्द्र सिंह, देवी सिंह, पंचम सिंह, बलिराम राय, नंद कुमार अग्रवाल,संतोष पटेल, ब्रजलाल पटेल, शंकर महतो, पुष्पेंद्र साहू आदि कथा में उपस्थित रहे.।
हरिशंकर बेन