आज दिनांक 21 मार्च 2025 को शासकीय कन्या महाविद्यालय, रामकृष्ण मठ, पुणे द्वारा संचालित चल पुस्तकालय वैन के माध्यम से एक पुस्तक मेला लगाया गया। इस मेले का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात एवं वरिष्ठ प्राध्यापकगण डॉ. रश्मि चतुर्वेदी और डॉ. विमला मिंज ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया। अपने उदबोधन में डॉ. चित्रा प्रभात ने कहा यह आयोजन न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह छात्राओं, प्राध्यापकों और कर्मचारियों के लिए आध्यात्मिक और बौद्धिक विकास का भी एक अवसर प्रदान करता है। डॉ. विमला मिंज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पुस्तकें सबसे अच्छी मित्र होती हैं। इनके द्वारा हमें अपनी जिज्ञासाओं का समाधान करने का अवसर प्राप्त होता है।
पुस्तक मेले में विभिन्न विषयों पर आधारित पुस्तकों का व्यापक संग्रह प्रदर्शित किया गया। इनमें रामकृष्ण परमहंस, उनकी धर्मपत्नी सारदा देवी और स्वामी विवेकानंद के जीवनवृत्त पर आधारित पुस्तकें शामिल थीं। इसके अतिरिक्त, मन, ध्यान, आत्मविश्वास, युवा, विद्यार्थी जीवन, वेदांत और आध्यात्मिक दर्शन जैसे गहन और प्रेरणादायक विषयों पर लिखित साहित्य भी उपलब्ध था। इन पुस्तकों का चयन इस तरह किया गया था कि वे सभी आयु वर्ग के पाठकों, विशेष रूप से युवाओं और छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें। मेले में उपस्थित सभी लोगों ने इन पुस्तकों को देखा, परखा और अपनी रुचि व आवश्यकता के अनुसार खरीदा।
इस आयोजन में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, कर्मचारी और छात्राएं सक्रिय रूप से शामिल हुए। प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात के नेतृत्व में डॉ. अमिताभ पाण्डे
य, श्री के.जे. सिंहा, डॉ. किरण खरादी, श्रीमती बंदना मिश्रा, श्रीमती सुनीता श्रीवास्तव, श्री विनेश यादव, श्री नागेंद्र यादव, श्री के.जी. सिंह, डॉ. अपर्णा मिश्रा, डॉ. अशोक शर्मा, श्री भीम बर्मन, श्री प्रेमलाल कांवरे, श्री आंजनेय तिवारी, श्रीमती नम्रता निगम, श्रीमती आरती वर्मा, श्रीमती प्रियंका सोनी, श्रीमती सृष्टि श्रीवास्तव, डॉ. प्रतिमा सिंह, डॉ. मैत्रयी शुक्ला, श्रीमती श्वेता कोरी, श्रीमती रिचा दुबे, श्रीमती श्रद्धा वर्मा और श्रीमती देववती जैसे सम्मानित शिक्षकगण और कर्मचारी उपस्थित रहे। इनके साथ-साथ बड़ी संख्या में छात्राओं ने भी इस मेले में भाग लिया और पुस्तक मेले को सफल बनाया।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि शासकीय कन्या महाविद्यालय, कटनी में आयोजित यह पुस्तक मेला एक सफल और सार्थक प्रयास रहा। इसने शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिकता और नैतिक मूल्यों को भी प्रोत्साहित किया। इस तरह के आयोजन भविष्य में भी होते रहने चाहिए, ताकि युवा पीढ़ी को सही दिशा में प्रेरित किया जा सके और समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।