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कटनी | जिला पंचायत सीईओ श्री शिशिर गेमावत ने ग्राम पंचायत पड़वई के ग्राम रोजगार सहायक श्री उमेश यादव द्वारा शासकीय तालाब को पट्टा पर के कार्य में अनियमितता बरतने पर शासकीय कार्यों से पृथक कर, उन्हें जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ में संलग्न करते हुए उनके मासिक पारिश्रमिक में 50 फीसदी की कटौती कर दी गई है।
देने मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल एवं जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ द्वारा ग्राम पंचायत पडवई के शासकीय तालाब को मछली पालन और सिंघाड़ा की खेती के लिए दस वर्षों के पट्टे पर दिए जाने की प्रक्रिया के विरुद्ध ग्राम के निवासी श्री मुकुंदी लाल बर्मन द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस शिकायत की गहन जांच की गई, जिसमें ग्राम रोजगार सहायक उमेश यादव को दोषी पाया गया। उनके विरुद्ध प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए गए, जिसमें उन्हें शासकीय कार्यों से पृथक करना और उनके मासिक पारिश्रमिक में कटौती करना शामिल है। ग्राम पंचायत पडवई में स्थित शासकीय तालाब का उपयोग आम जनता के हित में होना चाहिए था, लेकिन इसे 10 वर्षों के लिए पट्टे पर देने के निर्णय में अनियमितताएं पाई गईं। ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर यह प्रक्रिया पूरी की गई, लेकिन जब श्री मुकुंदी लाल बर्मन ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई, तो प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए। जांच के दौरान यह पाया गया कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं थी और ग्राम रोजगार सहायक उमेश यादव की भूमिका संदिग्ध थी। उन्होंने निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया, जिससे ग्राम पंचायत के हितों को नुकसान पहुंचा। इसी कारण उन्हें दोषी ठहराया गया और उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा गठित जांच दल ने इस मामले की विस्तार से जांच की।
*तालाब के पट्टे की प्रक्रिया में अनियमितता*
क्या ग्राम सभा की बैठक पारदर्शी रूप से आयोजित की गई? क्या सभी पात्र आवेदकों को पट्टे के लिए आवेदन देने का अवसर दिया गया? क्या पट्टे के लिए कोई भ्रष्टाचार या पक्षपात किया गया?
*ग्राम रोजगार सहायक उमेश यादव की भूमिका*
क्या उन्होंने सरकारी नियमों का पालन किया? क्या उन्होंने गलत जानकारी देकर प्रशासन को गुमराह किया? क्या उनके निर्णय से ग्राम पंचायत को आर्थिक नुकसान हुआ? जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि ग्राम रोजगार सहायक उमेश यादव ने नियमों का उल्लंघन किया और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
*प्रशासनिक कार्यवाही*
जांच रिपोर्ट के आधार पर, प्रशासन ने श्री उमेश यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया। उनके जवाब को समाधानकारक नहीं माना गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया। इस कारण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल के आदेशानुसार श्री उमेश यादव को शासकीय कार्यों से पृथक कर दिया गया। उन्हें जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ में संलग्न किया गया।
उनके मासिक पारिश्रमिक में 50 फीसदी की कटौती की गई। उनके खिलाफ विस्तृत जांच करने के निर्देश जारी किए गए। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया ताकि आगे की जांच निष्पक्ष रूप से पूरी की जा सके।