कटनी – विवाह पंजीयन के आवेदन का निराकरण निर्धारित समय-सीमा से 9 दिन विलंब करना लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत पदाभिहित अधिकारी एवं ग्राम बनगवां और मतवार पड़रिया के पंचायत सचिवों को महंगा पड़ गया। इसके लिए इन पर संयुक्त रूप से 6750 रूपये की शास्ति आरोपित की गई है।
ग्राम बनगवां निवासी आवेदक रामनंदनी कुर्मी और राजनंदनी कुर्मी ने लोकसेवा केन्द्र बरही के माध्यम से 7 दिसंबर 2024 को विवाह पंजीयन का आवेदन दिया था। जिसके निराकरण की अंतिम तिथि 21 जनवरी 2025 थी, किन्तु 27 जनवरी 2025 की स्थिति में आवेदन समय बाह्य प्रदर्शित होकर लंबित था। जिसके बाद कार्यवाही की गई और यह पाया गया कि इन दोनों मामलों में आवेदन का निराकरण 3 फरवरी तक नहीं किया गया। जो आवेदन के निराकरण की निर्धारित समय-सीमा से 9 दिवस विलंब से प्रमाणित होना पाया गया। इस आधार पर उप जिला विवाह रजिस्ट्रार पवन कुमार अहिरवार ने स्वप्रेरणा से मामले को संज्ञान में लेते हुए पदाभिहित अधिकारी एवं ग्राम बनगवां के सचिव हेमराज उपाध्याय को दोनों मामलों में विलंब के लिए कुल मिलाकर 4 हजार 500 रूपये प्रतिकर के भुगतान का आदेश जारी किया है।
इसी प्रकार एक अन्य मामले में ग्राम मतवार पड़रिया की आवेदक रंजीता पटेल के विवाह पंजीयन के आवेदन का निराकरण 21 जनवरी 2025 तक करना था। लेकिन आवेदन का निराकरण 31 जनवरी तक नहीं किया गया। जो आवेदन के निराकरण की निर्धारित समय-सीमा से 9 दिवस विलंब से पाया गया। इस प्रकरण के परीक्षण के बाद उप जिला विवाह रजिस्ट्रार श्री अहिरवार ने पदाभिहित अधिकारी एवं पंचायत सचिव ग्राम पंचायत मतवार पड़रिया के संतराम पाल को बिना पर्याप्त एवं युक्तियुक्त कारण के समयावधि में सेवा प्रदाय करने में विलंब करने के लिए 2250 रूपये प्रतिकर का के भुगतान का आदेश लोकसेवा गारंटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत जारी किया है।