छिंदवाड़ा / खमारपानी। पुलिस चौकी खमारपानी अंतर्गत जुआ, सट्टा और अवैध शराब जैसी गतिविधियां बड़े पैमाने पर चल रही हैं। पान ठेलो, किराना दुकान और घरो मे सट्टा पट्टी काटी जा रही है और अवैध शराब परोसी जा रही है।
पुलिस चौकी से लगे छेत्र मे इन गतिविधियों को प्रशासनिक लापरवाही के चलते संरक्षण और बढ़ावा मिल रहा है। मजे की बात तो यह हैं की दूसरे क्षेत्र का व्यंक्ति पुलिस चौकी खमारपानी क्षेत्र मे आके सट्टे जैसे गतिविधियों को संचालित कर रहा हैं। जब सट्टा पट्टी काट रहे व्यक्ति से बात किये तो बताया गया की सट्टे का काम कई दिनों से चल रहा हैं और रामाकोना वाले सेट का काम हैं। यह भी बताया गया की पुलिस चौकी खमारपानी मे देन दिया जाता हैं तभी चल रहा हैं।इससे यह अनुमान लगाया जा सकता हैं पुलिस और सटोरियों के बिच कितनी साठ गाठ हैं। गाँव में खुलेआम सट्टा खिलाने का कारोबार बड़ी तेजी से फल-फूल रहा है। पुलिस चौकी खमारपानी के अधिकांश हिस्सों में सट्टा खिलाने वालों के एजेंट बैठकर पर्चियां काट रहा है।सटे में हर दिन लाखों रुपए लगाने का काम हो रहा है
। ग्रामीण अंचलों के कई लोग खेल कर अपनी जमा पूंजी बर्बाद कर रहे हैं। कुछ लोग चोरी से पैसे बर्बाद कर रहे हैं, जिसके कारण कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई पुलिसकर्मियों से सांठगांठ करके इस खेल को खिलाने का काम सट्टेबाजों के द्वारा किया जा रहा है। तभी तो सटे पर रोक नहीं लग पा रही है।सट्टे की खाई वाज हर बार नए लोगों के माध्यम से सट्टे के खेल को अंजाम दे रहे हैं। हैरानी की बात तो है।कि मुख्य मार्ग से लेकर छेत्र के गाँव सागोंनवन, पलासपानी, नेवारी,कुर्सीपार ,धनेगाव, एल्कापार,एवं विभिन्न क्षेत्रों में दिनभर सट्टे पर दाव लगवाने का काम किया जाता है। ग्रामीण भी सुबह से ही सट्टा खेलने के लिए पहुंच जाते हैं,अधिकांश गरीब मजदूर वर्ग के लोग लालच के चक्कर में मेहनत मजदूरी भी इस खेल पर लगाकर बर्बाद हो रहे हैं ,इनके घरों की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती ही जा रही है । इसकी जानकारी उच्च अधिकारी को भी है जान कर भी अनजान बने हुये है। इस तरह से खुलेआम इस खेल को खिलाने वालों पर समय रहते पुलिस प्रशासन के द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके पीछे जो कारण सामने आ रहा है। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से इस कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। जो मजदूर सुबह से लेकर शाम तक 200 से 300 एकत्रित करने की कोशिश करता है वह भी ज्यादा के चक्कर में मजदूरी गवा कर घर खाली हाथ लौटते है। जबकि इनके परिवार का भरण पोषण मजदूरी के पैसे से ही चलते हैं । इनके घरों में कई बार चूल्हे भी नहीं जल पाता है। अब देखना है कि सट्टे के कारोबार को बढ़ावा देने वाले बा खिलाने वालों पर पुलिस प्रशासन के द्वारा कितनी ठोस कार्रवाई की जाएगी या फिर सट्टे और शराब का कारोबार इसी तरह निरंतर खुलेआम संचालित होता रहेगा लोग अपनी मेहनत मजदूरी की कमाई इसी खेल में लगाकर बर्बाद करते रहेंगे।
*पुलिस प्रशासन पर संदेह*
यह चिंता का विषय हैं की जिस प्रकार सट्टा जैसे अवैध गतिविधियां बंद नहीं हुई। और खुआ संरक्षण दिया जा रहा हैं।स्थानीय निवासियों का कहना हैं की पुलिस की निष्कक्रियता या कथिक मिली भगत से यह छेत्र अपराधियों के लिए सुरछित ठिकाना बन गया हैं।प्रशासन की निष्कक्रियता से जनता मे नाराजगी बढ़ रही हैं।
*जनता की मांग सख्त कार्यवाही*
ग्रामीणों ने प्रशासन और पुलिस से मांग की हैं की सट्टा और शराब जैसे विभिन्न आपराधिक गतिविधियों पर कड़ी कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा की अगर पुलिस समय पर कार्यवाही नहीं करती तो है छेत्र अपराधों का अड्डा बन जाएगा।
*संवाददाता शुभम सहारे छिंदवाड़ा*