छिंदवाड़ा जिले के विकासखंड चौरई के ग्राम चौरई निवासी प्रगतिशील कृषक श्री शरद खंडेलवाल द्वारा रबी सीजन में पहली बार लगभग 2 एकड़ में तिलहनी कुसुम फसल किस्म ISF-764 लगाई गई है। कृषक श्री शरद खंडेलवाल ने बताया कि कुसुम फसल कम लागत, कम पानी की स्थिति में भी लगाई जा सकती है, जिसकी पत्तियों मे कांटे होने के कारण जंगली जानवरों से कुसुम फसल को कोई नुकसान नहीं होता है। फसल वर्तमान में अच्छी स्थिति में है, जिससे अच्छा उत्पादन प्राप्त होने की संभावना है। वर्तमान में फसल स्थिति को देखते हुए कुसुम फसल के लिए जिले की जलवायु अनुकुल है।
इसी प्रकार विकासखंड चौरई के ग्राम बेलखेड़ा के प्रगतिशील कृषक श्री शुभम राय पिता महेश राय द्वारा रबी सीजन की मक्के की फसल लगाई गई है। प्रगतिशील कृषक श्री शुभम राय ने बताया कि मक्के की किस्म 4456 एवं 6802 लगभग 3 एकड़ में लगाई है। उनके साथ ही ग्राम बेलखेडा के अन्य कृषकों ने भी लगभग 40 से 50 एकड़ में रबी सीजन की मक्का फसल लगाई है। फसल की स्थिति अच्छी है और 35 से 40 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन प्राप्त होने की संभावना है। जिले में लगभग 2000 हेक्टेयर में रबी सीजन में मक्का की बुआई की गई है।
उप संचालक कृषि श्री सिंह के साथ कृषि अधिकारियों की टीम द्वारा आज विकासखंड चौरई का भ्रमण कर रबी सीजन में पहली बार लगाई गई तिलहनी कुसुम फसल किस्म ISF-764 के नवाचार का अवलोकन किया गया। साथ ही ग्राम बेलखेड़ा में लगाई गई मक्के की किस्म 4456 एवं 6802 जो लगभग 3 एकड़ में लगाई गई है, का भी निरीक्षण किया गया और कृषकों से चर्चा की। भ्रमण के दौरान अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री नीलकंठ पटवारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी चौरई श्री उमेश पाटिल, कृषि विस्तार अधिकारी श्री एस.के.कुंजाम, श्री एकांशू पहाड़े एवं ग्राम के कृषक उपस्थित थे।
*संवाददाता शुभम सहारे छिंदवाड़ा*