रीठी तहसील क्षेत्र की ग्राम खम्हरिया नं.1 में पूज्य बाबा हरीदास जी के बंगले में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के आज चौथे दिवस भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा परम् पूज्य कथाव्यास श्री मुरारीदास के श्रीमुख से निरंतर अमृतयमयी वाणी से ग्रामवासी, क्षेत्रवासी कथा का रसपान कर रहे हैं। उन्होंने कथा के दौरान बताया कि जब-जब भी धरती पर आसुरी शक्ति हावी हुईं, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की। मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रुप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कथा का सुनन तभी सार्थक होगा। जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें। उन्होंने रामकथा का संक्षिप्त में वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने धरती को राक्षसों से मुक्त करने के लिए अवतार धारण किया। कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा। मौजूद श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जेजेकार के साथ झूमकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई। कथा सुनने नगर सहित आसपास गांव से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। इस अवसर पर श्री किशन यादव हरियाणा, श्रीकांत राय, श्रीकडीभं यादव, श्री चंद्रभान यादव, श्री सुपरत सिंह ठाकुर, श्री अम्मू पटेल आदि के साथ क्षेत्रवासियों की उपस्थिति रही।