इन दिनों डिजिटल ठगी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं, जहां फर्जी पुलिस या सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों को वीडियो कॉल के जरिए धमकाया जाता है। ऐसे ही एक चौंकाने वाले मामले में फर्जी पुलिस ने असली पुलिस अधिकारी, क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया को “डिजिटल अरेस्ट” करने की कोशिश की। हालांकि, असली वर्दी देखकर ठगों के होश उड़ गए।
घटना दोपहर करीब 2 बजे की है। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया प्रेस ब्रीफिंग कर रहे थे, तभी उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक कस्टमर केयर अधिकारी बताते हुए दावा किया कि मुंबई में उनके नाम पर एक क्रेडिट कार्ड जारी हुआ है, जिसमें 1 लाख रुपए से ज्यादा का बकाया है। क्रेडिट कार्ड कहीं गलत इस्तेमाल हो रहा है।
दंडोतिया ने जब इस दावे को खारिज किया, तो कॉलर ने कहा कि यदि उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया, तो उनकी शिकायत मुंबई पुलिस को ट्रांसफर कर दी जाएगी। थोड़ी देर बाद, उन्हें मुंबई पुलिस का अधिकारी बताते हुए वीडियो कॉल किया गया। वीडियो कॉल पर सामने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस कमिश्नर बताया और दंडोतिया से कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए तुरंत बयान दर्ज करवाने को कहा।
वीडियो कॉल पर कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस कमिश्नर बताया और दबाव डालने की कोशिश की। जब वीडियो कॉल शुरू हुई तो एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया खुद पुलिस वर्दी में बैठे थे। जैसे ही उन्होंने ठग से कहा कि वे खुद पुलिस अधिकारी हैं और उनकी इस ठगी का वीडियो रिकॉर्ड किया जा रहा है, ठग घबरा गए और तुरंत कॉल काट दिया।
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि यह घटना आम लोगों के लिए एक बड़ा सबक है। उन्होंने कहा, “ठग नए-नए तरीकों से भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं। इस तरह की ठगी से बचने के लिए सतर्क रहें और किसी भी अनजान कॉल पर तुरंत भरोसा न करें।” इस घटना का वीडियो आम लोगों को जागरूक करने के लिए रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल पर तुरंत पुलिस को सूचित करने की अपील की।