कालापीपल(बबलू जायसवाल)नंदी बैल की मृत्यु होने पर ग्राम कोलवा के ग्रामीणों ने उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया।इस नंदी बैल लोग देवता के रूप में मान्यते है।अनंतचतुर्दशी सहित विभिन्न शुभ अवसरों पर गांव वालों द्वारा नंदी को सजाकर बाजे-गाजे के साथ पूरे गांव का भ्रमण करवाया जाता था।माना जाता था कि इससे भगवान भोलेनाथ की गांव वालों पर कृपा बनी रहती है।
गांव वाले नंदी महाराज को पूरे गांववालों द्वारा देवता के रूप में ही पूजा जाता है।लेकिन आखिऱकार बुधवार सुबह कोलवा गांव में नंदी ने अंतिम सांस ली।जैसे ही नंदी के मृत्यु की जानकारी गांव में फैली,पूरे गांव में शोक की लहर छा गई।इसके बाद इसे नियति मानकर गांववालों ने पंडित बुलाकर नंदी की आत्मा की शांति के लिए अंतिम बार सामूहिक पूजा की।इसके बाद बाजे-गाजे के साथ नंदी के मृत शरीर को ट्रैक्टर के सहारे गांव के किनारे नदी तट ले जाया गया और पूरे विधि-विधान से उसे जमीन में दफन कर दिया गया।अंतिम यात्रा में सरपंच सुरेश शर्मा, डां.रामगोपाल शर्मा,जसमत सिंह नेताजी,कमल सिंह परमार,भोजराज परमार महत्तम दास,डां.पवन बैरागी धरम केवट,ओम शर्मा,शुभम बैरागी,कमल दास बैरागी बनेशिंह,जितेंद्र मेवाड़ा,देवेंद्र केवट,माखन प्रजापति,आदि समस्त ग्रामवासी के सहयोग से नदी महाराज का अंतिम संस्कार किया गया।