विजयराघवगढ़। संकट मोचन आश्रम, जगन्नाथ धाम प्रांगण में श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ का आयोजन प्रारंभ हो चुका है। कथा के माध्यम से श्री वशिष्ठ पीठाधीश्वर ब्रह्मर्षि वेदांती जी महराज द्वारा मुक्ति का मार्ग कैसे प्रशस्त हो यह बताया गया। ब्रह्मर्षि वेदांती महराज ने कहा कि पितृ पक्ष के अवसर पर विजयराघवगढ़ नगर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन सौभाग्य का विषय है। यहां की धरा बड़ी पावन है। कथा के दूसरे दिन भगवान श्री हरि के चरित्रों, भक्तों के प्रति परमात्मा के वात्सल्य, श्री कृष्ण लीलाओं का वर्णन किया गया। कथा का श्रवण करने के लिए विजयराघवगढ़ नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से महिला, पुरुष श्रृद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ी। महराज श्री वेदांती जी ने कथा के दौरान बताया कि श्रीमद्भावत कथा का श्रवण करने से मनुष्य की 21 पीढ़ी पिछली और 21 पीढ़ी आगे की भवसागर से पार हो जाती है। श्री मद्भागवत कथा मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है और जीवों का उद्धार करती है यह बात ब्रह्मर्षि वेदांती जी ने कहा। माता अनुसुइया के पास ब्राह्मण वेश में जाकर ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव द्वारा भिक्षा की याचना करने, माता अनुसुइया द्वारा तीनों देवों को बालक रूप में प्राप्त कर पालना झुलाने की कथा सुनकर श्रृद्धालु भाव विभोर हो गए। कथा के दौरान मधुर भजनों ने उपस्थित भीड़ को झूमने पर विवश कर दिया। उल्लेखनीय है की हनुमान जी महराज के संरक्षण और युवराज महंत डॉक्टर राघवेश दास जी वेदांती के संयोजन में सार्वजनिक श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ का आयोजन 22 सितंबर से प्रारंभ है जो 28 सितंबर तक जारी रहेगी। 29 सितंबर को हवन, पूर्णाहुति और भंडारे के साथ ही धार्मिक आयोजन का समापन होगा।
सुरेश सेन की खास रिपोर्ट