65 वर्षीय माता राम, जो अपने परिवार से बिना बताए इंदौर से सागर आई थीं, को सीसीटीवी की मदद से उनके बेटे से मिलवाया गया। यह एक अद्वितीय मिलन की कहानी है, जिसमें सीसीटीवी टीम की सूझबूझ और तेजी से काम करने की क्षमता ने एक बुजुर्ग महिला को उसके परिवार से मिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पूरी कहानी इस प्रकार है:
इंदौर निवासी लक्ष्मीनारायण कोष्टी ने पुलिस कंट्रोल रूम सागर में आकर उप निरीक्षक आरकेएस चौहान को बताया कि उनकी माता जी (लगभग 65 वर्ष) घर से बिना बताए कहीं चली गई हैं और उन्हें लगता है कि वे इंदौर से सागर आई होंगी, क्योंकि पहले वह सागर में रहते थे और उनका परिवार भी यहां लंबे समय तक रहा है।
सीसीटीवी टीम को आरकेएस चौहान द्वारा मंदिरों के आसपास के कैमरे चेक करने के लिए कहा गया। सीसीटीवी ऑपरेटर शारदा तिवारी ने चेक करने पर माता जी को कोतवाली के सामने से चकरा घाट जाते हुए देखा। इसके बाद लगातार माता जी को फॉलो किया गया, लेकिन वे पूरे शहर में इधर-उधर घूमते हुए नजर आईं।
एक दिन पूरा देखने के बाद, आज शाम 4:00 बजे के करीब ऐसा प्रतीत हुआ कि माता जी पीली कोठी या पहलवान बब्बा मंदिर में होंगी। उनके बेटे को वहां भेजा गया, और माता राम पीली कोठी के अंदर बैठी हुई मिल गई। मिलने पर उनके बेटे लक्ष्मीनारायण ने कंट्रोल रूम सागर वापस माता जी को लेकर आए और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पूरी सीसीटीवी टीम को धन्यवाद दिया और खुशी-खुशी अपनी माता जी को साथ लेकर कंट्रोल रूम से वापस गए।
इस कार्य में सीसीटीवी कंट्रोल रूम टीम के उप निरीक्षक आरकेएस चौहान, महिला प्रधान आरक्षक शारदा तिवारी, सीसीटीवी इंजीनियर पुष्पराज, और आरक्षक राकेश सुलाखिया ने उल्लेखनीय कार्य किया।
दुर्ग सिंह यादव की रिपोर्ट