कटनी (9 अगस्त ) – जिले में मातृ मृत्यु और कुपोषण दर मे कमी लाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के विकासखंडो में पदस्थ परियोजना अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारी आपासी समन्वय से कार्य करें। गर्भवती महिलाओं के इलाज और जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। यह निर्देश कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने शुक्रवार को महिला बाल विकास, स्वास्थ्य और आयुष विभाग के कार्याे की समीक्षा के दौरान दिए।
कलेक्टर श्री यादव ने महिला बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग की विस्तृत और गहन समीक्षा करते हुए दस्तक अभियान के मौजूदा प्रगति पर असंतोष जताया। उन्होने हिदायत दी की दस्तक अभियान के तहत चिन्हित वर्ग की प्रापर स्क्रीनिंग की जाये। अभियान महज औपचारिकताओं तक न सिमटे, बल्कि इसके उद्देश्यों का प्रभाव मैदान पर भी दिखना चाहिए। शत प्रतिशत बच्चों का तय समय पर टीकाकरण तय समय पर सुनिश्चित हो। उन्होेने टीकाकरण कार्य मंे कम प्रगति पर बहोरीबंद और ढीमरखेड़ा विकासखंड चिकित्सा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री यादव ने विकासखंड रीठी के मामले मे स्वास्थ्य महकमें को सख्त ताकीद किया कि रीठी विकासखंड मे टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं की जांच सहित सभी स्वास्थ्य मानकों के कार्याे का शत – प्रतिशत क्रियान्वयन पूर्ण कराने की संयुक्त जवाबदारी बीएमओ और सीडीपीओ की होगी।
कलेक्टर ने टी.बी रोग की समीक्षा की। जिसमें बताया गया कि जिले की तीन ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो गई है। बताया गया कि जिले में 208 निक्षय मित्र बने है। साथ ही इस साल जनवरी से अभी तक 1732 टी.बी रोगियों की पहचान हो चुकी है। इन्हे निःशुल्क उपचार और परामर्श प्रदान किया जा रहा है।
कलेक्टर श्री यादव ने महिला बाल विकास के कार्याे की समीक्षा के दौरान कहा कि किराये के भवनों में संचालित 330 और शासकीय भवनों में संचालित 321 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण के लिए तकनीकी स्वीकृति का प्राक्कलन तैयार करवा लें। इस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी नयन सिंह ने बताया कि किराये पर संचालित 330 आंगनबाडी भवनों के निर्माण की स्वीकृति हेतु विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बैठक मे बताया कि जिले में 1533 आंगनबाड़ी और 180 मिनी आंगनबाड़ी कुल को मिलाकर 1713 आंगनबाड़ी संचालित है । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका के पद की पूर्ति की कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये गये । पोषण पुनर्वास केन्द्र की समीक्षा में यह पाया गया कि बड़वारा में 85 प्रतिशत एवं विजयराघवगढ में 90 प्रतिशत कुपोषित बच्चों की भर्ती की गई है । शेष पोषण पुनर्वास केन्द्र में शत-प्रतिशत भर्ती हुई है । परियोजना विजयराघवगढ एवं बड़वारा को निर्देश दिये गये कि आगामी माह से उक्त की पुर्नरावृत्ति न हो शत-प्रतिशत बेड क्षमता का उपयोग हो ।
कुपोषित बच्चों की समीक्षा में पाया गया कि कुपोषित बच्चों की संख्या 557 है । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा सही तरीके से बच्चों का वजन लम्बाई -उंचाई की माप करें। इसके लिये परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक नियमित बच्चों का वजन एवं लम्बाई की क्रास चौकिंग करें । इसमें स्थानीय शिक्षक एवं स्वास्थ्य विभाग के अमलों की भी ड्यूटी लगाई जाये ।
कलेक्टर ने निर्माणाधीन आंगनबाड़ी भवनों को समय-सीमा मे पूर्ण कराने और नलजल योजनाएवं विद्युत व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की। क्षतिग्रस्त भवन कुल संख्या 22 की जानकारी परियोजना अधिकारी द्वारा प्राप्त हुई है , जिसे खाली कराकर अन्यत्र आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। इन भवनों की मरम्म्त के लिये आरईएस से ऐस्टिमेंट प्राप्त करने के निर्देश दिए गये।
कलेक्टर ने बच्चों एवं गर्भवती व धात्री महिलाओं के पोषण आहार के संबंध में समीक्षा की गई एवं टेक होम राशन परिवहन की व्यवस्था सुधार के निर्देश दिये गये । गर्भवती माताओं को शत-प्रतिशत उच्च गुणवत्ता पूर्ण पोषण आहार की पूर्ति, उनका समय से पंजीयन एवं उनके 4 प्रसव पूर्व जॉच एवं टीकाकरण शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराने हेतु संयुक्त रूप से सीडीपीओ एवं बीएमओ को निर्देश दिये गये ।
स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत मलेरिया, टीबी, दस्तक अभियान इत्यादि की समीक्षा भी की गई । दस्तक अभियान में अगस्त अंतिम सप्ताह तक गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराने एवं ऑनलाईन फीडिंग के निर्देश दिये गये ।