रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। कलेक्टर सोनिया मीना की अध्यक्षता में 5 अगस्त सोमवार को समय सीमा की बैठक का आयोजन कलेक्टर कार्यालय स्थित सभाकक्ष में किया गया। कलेक्टर द्वारा विभागीय योजनाओं सहित अन्य शिकायतों एवं विकास कार्यों की विभागवार समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन, समय सीमा के प्रकरणों, राजस्व अभियान, बाढ़ आपदा प्रबंधन आदि की विस्तार से समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर ने बैठक में सीएम हेल्पलाइन की विभागवार समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जिन विभागों की सबसे ज्यादा शिकायतें लंबित हें उन विभागों को शिकायतों का संतुष्टि पूर्वक निराकरण करने के लिए निर्देशित किया। सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों की संख्या में सबसे ज्यादा शिकायतें नगर पालिका को होने के संबंध में उन्होंने समस्त मुख्य नगरपालिका अधिकारीयों को निर्देशित किया है कि प्राप्त शिकायतों की गंभीरता पूर्वक तरीके से जांच कर उनका निराकरण करना सुनिश्चित करें। सभी अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें। किसी एक विभाग के खराब प्रदर्शन का खामियाजा संपूर्ण जिले को उठाना पड़ता है जिससे की जिले की रैंकिंग पर भी असर पड़ता है। उन्होंने एमपीयूडीसी विभाग की लंबित शिकायतों के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया है कि वह शिकायतकर्ता को व्यक्तिगत बुलाकर उनकी समस्या को सुलझाएं। इसी प्रकार ऊर्जा विभाग, महिला एवं बाल विकास, संस्थागत वित्त, राजस्व आदि विभागों को सख्त निर्देशित किया है कि अगले एक सप्ताह में अपनी विभागों से संबंधित शिकायतों को निराकृत कर अपनी ग्रेडिंग में सुधार करें। राजस्व विभाग को निर्देशित किया है कि 50 दिवसो से अधिक की लंबित शिकायतों को प्राथमिकता से निराकरण करें। उन्होंने समस्त एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदारों को सख्त निर्देशित किया है की कोई भी राजस्व प्रकरण ऑफलाइन स्थिति में नहीं होना चाहिए। प्रत्येक कार्यालयों में एक सार्वजनिक शिकायत/ सुझाव पंजी संधारित करें जिसमें कार्यालय में आने वाले आम जनों की शिकायत एवं सुझाव की प्रविष्टि की जाए। इसके लिए किसी कर्मचारी की जवाबदारी भी तय किया जाना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने जिले में जर्जर भवनों के संबंध में की गई कार्रवाई की भी विस्तार पूर्वक समीक्षा की। उन्होंने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जर्जर भवनों में किसी भी प्रकार के शासकीय /अशासकीय कार्यालय, स्कूल, आवास संचालित ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखे। उन्होंने कहा है कि ऐसे स्थानों का सतत निरीक्षण करते रहे एवं शहरी क्षेत्र में ही नहीं अपितु ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे क्षतिग्रस्त एवं जर्जर भवनों का निरीक्षण कर वहां पर किसी भी प्रकार के कार्यालय, स्कूल आदि का संचालन न हो यह सुनिश्चित करें। अगर ऐसे भवनों में कोई ऑफिस, स्कूल आदि संचालित हो रहा है तो उन्हें उसे स्थान से तत्काल शिफ्ट किया जाए।
कलेक्टर ने जिले में डेंगू एवं मलेरिया के मरीज की पुष्टि के लिए पर्याप्त टेस्ट किए जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया एवं कहा है कि ऐसी स्थिति में पीड़ितों के लिए पर्याप्त दवाइयां एवं टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। जहां भी डेंगू एवं मलेरिया की केसेज मिलने की जानकारी प्राप्त हो रही है वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम से सर्वे भी कराया जाए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए
कलेक्टर ने समस्त सीईओ सीएमओ एवं एसडीएम को निर्देशित किया है कि सूदखोरी की घटना के संबंध में प्राप्त शिकायतों के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जाए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें की कई बार कुछ केसेस में शिकायतें दर्ज नहीं की जाती है ऐसे प्रकरणों में भी प्राथमिकता से कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करे। इसी के साथ विभिन्न बैंकों से समन्वय कर कैंप लगाकर लोगों को सूदखोरों के स्थान पर बैंको से नियम अनुसार कर्ज प्राप्तकरने के लिए प्रेरित किया जाए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सोजान सिंह रावत, डिप्टी कलेक्टर बबीता राठौर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।