रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। संभाग मुख्यालय का बहुचर्चित जमीनी फर्जीवाडे का मामला आज भी पुलिस की जांच में चल रहा है। मामला रसूखदारों से जुड़ा हुआ होने के कारण पुलिस की जांच करीब दो वर्ष से निरंतर जारी है। पुलिस जांच में और कौन कौन आरोपी बनाए गए हैं, अब तक सामने नहीं आ सका है। वहीं पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अब उक्त मामले की फाइल को हाईकोर्ट द्वारा तलब किया गया है। जिसके बाद उक्त मामले में एक बार फिर हलचल शुरू हो गई है। हम बात कर रहे हैं बहुचर्चित डेरा सच्चा सौदा सिरसा हरियाणा की जमीन को षडयंत्र पूर्वक बेचने खरीदने के मामले की। मामले को लेकर सिटी कोतवाली टीआई सौरभ पांडे ने बताया कि मामले में जांच जारी है। तीन आरोपी जमानत पर हैं। डेरा सच्चा सौदा जमीन मामले की फाइल को हाईकोर्ट तलब किया गया है। उसके बाद ही हम बाकी जानकारी दे पाएंगे।अवगत हो कि भोपाल रोड पर ग्वालटोली की तरफ एसपीएम रेलवे क्रॉसिंग के पास खोजनपुर में डेरा सच्चा सौदा सिरसा (हरियाणा)की करीब 8 एकड़ 40 डिसिमल की जमीन है। जिसे फर्जी सेवादार द्वारा रसूखदार लोगों को फर्जी तरीके से बेच दिया गया था। उक्त मामले में सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा सीजेएम कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर जांच में लिया गया था। सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा डेरा सच्चा सौदा सिरसा (हरियाणा) के सेवादार प्रवेश कुमार की शिकायत पर दिनांक 14 मई 2022 को आरोपी संतोष जैन निवासी मंगलमय विलास, शरद सिसोदिया मंगलमय विलास, कृष्ण कुमार पटेल साईं ईडन पार्क छोटी पहाड़िया, प्रतिरूपित व्यक्ति ओमप्रकाश बरेठा व अन्य व्यक्तियो के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 432, 465, 467,471,120 बी के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया गया है। सूत्रों के अनुसार उक्त मामले में डेरा सच्चा सौदा की उक्त जमीन को पूर्व के सेवादार ओमप्रकाश बरेठा का प्रतिरूपण कर यानी फर्जी अज्ञात व्यक्ति को पेशकर आरोपियों ने मिलकर दस्तावेज और अपराधिक षडयंत्र कर जमीन खरीदी थी। जबकि असली ओमप्रकाश बरेठा ने तो ना जमीन बेची और ना ही रजिस्ट्री की। शिकायत की जांच हुई तो जमीन बेचने वाला मामला फर्जी निकला। जिस पर डेरा सच्चा सौदा के सेवादार प्रवेश कुमार ने कोर्ट में प्रकरण लगाया। कोर्ट के आदेश के बाद सिटी कोतवाली द्वारा मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में खास बात यह है कि बीते सालों में बुधनी एवं हरियाणा में स्थित डेरा सच्चा सौदा ने नर्मदापुरम में भोपाल रोड किनारे खोजनपुर कचरा पट्टी के पास जमीन खरीदी थी। सूत्रों के अनुसार जिस पर आश्रम निर्माण सहित खेती की योजना थी। बाद में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद यहां के व्यवस्थापक सेवादार भी चले गए थे। वर्ष 2017 में हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा डेरा सच्चा सौदा की सभी संपत्तियों पर स्थगन लगा दिया गया था।ऐसी स्थिति में उक्त जमीन कैसे बिक गई? और कैसे रजिस्ट्री हो गई? पर सवाल आज भी खड़े हैं। सूत्रों की माने तो इस मामले में कुछ अन्य लोग भी पुलिस की जांच के दायरे में है परंतु पुलिस ज्यादा कुछ भी बोलने से बच रही है।