ढीमरखेडा विकाखंड मे मंगलवार की रात और बुधवार को हुई बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गये है। जिससे जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बेलकुंड और दतला नदियों मंे जल स्तर बढ़नें की वजह से आवागमन भी बाधित हुआ है। साथ ही इस क्षेत्र के निचले इलाकों के करीब तीन दर्जन से अधिक गांव के लोग प्रभावित हुए है। कलेक्टर श्री अवि प्रसाद स्वयं बचाव और राहत शिविरों की व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे है।
आवागमन बाधित होने और गांव के आंतरिक सड़क मार्गाे में पानी के भराव की वजह से जबलपुर से आई एन.डी.आर.एफ की टीम और एस.डी.आर.एफ कटनी की टीम को भी बचाव कार्य में काफी असुविधाओं और दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रतिकूल परिस्थितियों के बाद भी एन.डी.आर.एफ और एस.डी.आर.एफ कटनी की टीम नें खिर्री गांव और कछार व पोंडी खुर्द, पान उमरिया के गांव तक पहुंचकर रेस्क्यू कार्य के लिए एन.डी.आर.एफ जबलपुर की टीम को रबर बोट का सहारा लेना पडा। ग्राम धनवारा स्लीनाबाद से 6 लोगों को निकालकर रेस्क्यू पूरा किया गया। वहीं ठिर्री गांव पहुंचने के पहले रास्ते में ही शुक्ल पिपरिया गांव के तीन लोगो को भी सुरक्षित बचाया गया।
ये मार्ग हुए बाधित
विजयराघवगढ़ क्षेत्र के महानदी हिनोता घाट मंे पुल के उपर करीब 5 फुट पानी आ जानें के कारण विजयराघवगढ से बरही मार्ग बंद हो गया है। घाट के दोनों तरफ बेरिकेटिंग कर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। विधायक बड़वारा धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने भी अपने क्षेत्र के जल भराव क्षेत्र का सांसद प्रतिनिधि पद्मेश गौतम और तहसीलदार आशीष अग्रवाल के साथ मौका मुआयना किया। स्लीमनाबाद के ग्राम डहुली में पानी से चारों ओर से घिरे व्यक्ति ने पेड पर चढकर जान बचाई। जिसे प्रशासन एवं ग्रामीणों के सहयोग से सुरक्षित बाहर निकाला गया। स्लीमनाबाद क्षेत्र के ही धरवारा – भूला मार्ग पर ऊपरी क्षेत्रों से पानी का तेज बहाव आनें से रास्ता बंद हो गया है।
वहीं तहसीलदार बड़वारा संदीप ठाकुर ने बताया कि ग्राम सकरीगढ़ का पुल अतिवर्षा की वजह से डूब गया है। जिससे आवागमनन बाधित हुआ है। ग्रामीणों को पुल पार न करने की सलाह दी गई है। एस.डी.एम बहोरीबंद ने बताया कि स्लीमनाबाद के शांतिनगर मे भी जल भराव हुआ है। साथ ही ग्राम नैगवां में सडक में पानी भरने से एक तरफ का मार्ग बंद हो गया है।नदी में बाढ़ आनें के कारण बंधी मटवारा का मार्ग भी बाधित हुआ है। रीठी तहसीलदार आकांक्षा चौरसिया के मुताबिक रीठी शिवनगर मंे बारिश से सड़क में पानी के भराव होने पर निकासी की व्यवस्था की गई। नायब तहसीलदार आशीष चतुर्वेदी ने बताया कि बिलहरी से कैमोरी संगम घाट मेे पानी तेजी से बढा है जिससे दौनों तरफ बैरीकेटिंग की गई है। निवार नदी के भी उफान पर होने की वजह से लोगों का आना जाना बाधित हुआ है।
राहत शिविरों मे भोजन व्यवस्था
ढीमरखेड़ा एसडीएम विंकी सिंहमारे उइके ने बताया कि वर्तमान में जरूरत के मुताबिक आठ राहत शिविर स्थापित किये गए है। जहां करीब 1700 बाढ़ प्रभावितों को ठहराया गया है और उनके चाय – नाश्ते से लेकर भोजन आदि की व्यवस्था की गई है।
यहां लगे राहत शिविर
शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा में लगे राहत शिविर में सिमरिया, खरेवा और पोंडी खुर्द के 950 बाढ़ प्रभावितों के ठहरनें और भोजन का इंतजाम किया गया है। वहीं चौरसिया मंगल भवन उमरिया पान में छोटा कछार गांव के 650 बाढ़ प्रभावितों को रखा गया है। इसी प्रकार माध्यमिक शाला पिपरिया शुक्ल के राहत शिविर मे पिपरिया शुक्ल के 90 बाढ़ प्रभावितों, प्राथमिक शाला बनहरी मे ग्राम बनहरी के 35 और माध्यमिक शाला ढीमरखेड़ा में ग्राम ढीमरखेड़ा के 50 सहित ग्राम पंचायत घुघरी के राहत शिविर में ग्राम घुघरी के 20 बाढ़ प्रभावितों और माध्यमिक शाला सुनारखेडा के राहत शिविर में ग्राम सुनारखेडा एवं पशु औषधालय सिलौंडी के राहत शिविर में ग्राम सिलौंडी के 15-15 बाढ़ प्रभावितों को ठहराया जाकर इनके भोजन आदि की व्यवस्था की गई है।
अलर्ट रहंे अधिकारी
कलेक्टर श्री प्रसाद ने जिले में आगामी दिवसों में भारी वर्षा के पूर्वानुमान के मद्देनजर सभी राजस्व और जनपद पंचायतों के अधिकारियों और नगरीय निकायों के अधिकारियों को अलर्ट मोड़ में रहनें के निर्देश दिये है। साथ ही अत्यधिक वर्षा से जलभराव होने की स्थिति निर्मित होने पर कलेक्टर ने सभी प्रभावित क्षेत्रों मे आवश्यकता के अनुरूप और राहत शिविर स्थापित कर भोजन एवं चाय नाश्ते तथा प्रभावितों के ठहरनें का भी माकूल इंतजाम करनें के निर्देश दिए है।
व्यवस्था में सहभागी बनें
ज़िला प्रशासन ने एहतियातन बढ़े जलस्तर वाले कई नदी- नालों और पुल- पुलियों पर बैरीकेटिंग कर आवागमन रोक दिया है। लोगों से अपील की गई है कि मौके पर मौजूद होमगार्ड सैनिक, पंचायत सचिव, ग्राम कोटवार, सरपंच, पटवारी आदि के द्वारा बनाई गई व्यवस्था में सहायक बनें और सहयोग करें।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने नागरिकों से अपील की है कि नदी, नाले, पुल, पुलिया, रपटा पर जलभराव की स्थिति में वहां से गुजरने वाले रास्तों को बाढ़ एवं पानी होने की स्थिति में पार न करें। इसके साथ ही कलेक्टर श्री प्रसाद ने सभी एसडीएम, तहसीलदार और नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जिले के सभी तालाबों, डेम, नदी, नालों और जल भराव वाले क्षेत्रों पर लगातार निगरानी रखें और स्थानीय लोगों से सम्पर्क में रहें।