जिला चिकित्सालय में सोमवार 8 जुलाई से आकस्मिक चिकित्सा सेवा की तरह मेटरनिटी वार्ड में भी अब 24 घंटे चिकित्सकों की उपलब्धता रहेगी। यह व्यवस्था सोमवार 8 जुलाई से जिला चिकित्सालय मे प्रभावी हो जायेगी। यह निर्णय कलेक्टर श्री अवि प्रसाद की अध्यक्षता मे जिला चिकित्सालय में आयोजित जिला रोगी कल्याण समिति की बैठक मे लिया गया था।
जिले मे मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा कई नवाचार किए गए हैं। जिसमें हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं के चिन्हांकन हेतु प्रति माह 9 एवं 25 तारीख को विशेषज्ञ चिकित्सकों की मौजूदगी में शिविरों का आयोजन कर विशेष देखभाल की आवश्यकता वाली गर्भवती महिलाओ की पहचान कर , उन्हें जिला चिकित्सालय और सिविल अस्पताल में बनाए गए बर्थ वेटिंग रूम में भर्ती करने व्यवस्थागत प्रक्रिया शामिल है।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने चिकित्सालय में दोपहर 2 बजे के बाद मेटरनिटी वार्ड में महिला चिकित्सक न होने के कारण प्रसूताओं को होने वाली असुविधा के मद्देनजर सिविल सर्जन डॉ यशवंत वर्मा को जिला चिकित्सालय में स्त्री रोग विशेषज्ञ और महिला चिकित्सकों के समूह से न्यूनतम एक एम.बी.बी.एस डॉक्टर हर समय महिला रोगियों की परिचर्या मे उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश के बाद यह डयूटी रोस्टर सोमवार 8 जुलाई से प्रभावी हो गया है। यहां तैनात होने वाले सभी डॉक्टर्स अपनी डियूटी के दौरन ऑपरेशन, ओपीडी व आकस्मिक सेवाओं का संचालन करेंगे।
*इन डॉक्टरों में से लगेगी ड्यूटी*
सिविल सर्जन डॉ यशवंत वर्मा ने बताया कि चौबीसों घंटे मेटरनिटी वार्ड में महिला डॉक्टर की मौजूदगी के लिए नौ डाक्टरों का समूह बनाया गया है। जिसमे डॉ हर्षिता गुप्ता, डॉ सीमा शिवहरे, डॉ सुनीता वर्मा, डॉ सुनीता सिंह, डॉ आरती सौंधिया, डॉ श्रद्धा द्विवेदी, डॉ दिव्या भार्गव, डॉ नेहा कदम, डॉ उमा भावना सहित इन नौ डॉक्टरों मे से सुबह चार स्पेशलिस्ट चिकित्सक और दोपहर में एक एम.बी.बी.एस. डॉक्टर मेटरनिटी वार्ड मे मौजूद रहेगा। इन डॉक्टरों में से पालीवार प्रातः 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक एवं दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक और रात्रिकालीन डयूटी के तहत रात्रि 8 बजे से सुबह 8 बजे तक डॉक्टर मौजूद रहेंगे।