रिपोर्टर सीमा कैथवास
सिवनी मालवा। शासन के द्वारा जिस तरह से रेत माफिया पर शिकंजा कसा जा रहा है तथा प्रशासन द्वारा निरंतर कार्यवाही की जा रही है इस प्रकार से अवैध कालोनी काटने वाले कॉलोनाइजरो द्वारा पहले प्लाट दिखाकर मेहंगे दामों में बेच देते हैं और फिर सुविधा के नाम पर कुछ नहीं देते हैं। इसके साथ ही कॉलोनी की अनुमति, नाली, सड़क, पानी, सीवेज लाइन, परमिशन सहित अन्य चीजों की जांच भी होनी चाहिए जिससे कि लोगों को कोई दिक्कत ना हो? प्लाट काटने वाले व्यक्ति अर्थात कॉलोनाइजर अनुमति नहीं लेते हैं? रजिस्ट्रेशन नहीं होता है? डायवर्सन की अनुमति के दस्तावेज भी नहीं बनवाये जाते हैं, रेरा के नियमों का पालन भी नहीं होता है इसके साथ ही अन्य प्रकार की परमिशन भी इनके पास नहीं होती है,कृषि भूमि को वर्ग फीट पर बेचकर महंगे दामों पर प्लांट बनाकर रजिस्ट्री भी हो जाती है और सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं होता ??शहर में ऐसी ही बहुत सी कॉलोनी है जिनमे सुविधाओं का अभाव है, कॉलोनी में रहने वाले लोगों के लिए सड़क भी नहीं बनी है तथा बिजली के खंभे भी नहीं लगे हैं, लकड़ी के खंभे लगाकर लाइट जल रही है जिससे कि नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नगर पालिका की बिना अनुमति के ही भवन निर्माण, नलकूप खनन हो रहे हैं से नगर पालिका अनभिज्ञ है। नगर पालिका द्वारा ऐसे कॉलोनाइजर जिन्होंने की महंगे दामों पर वर्ग फीट में प्लाट बेचे हैं कार्रवाई की जाएगी या जो प्लाट बेचकर खाली पड़े हुए हैं उन प्लॉट मालिकों पर कार्रवाई करेगी? शहर में अवैध कॉलोनी की भरमार है तथा सुविधाओं के नाम पर शून्य है. बरसात के दिनों में भी सड़क पर वार्ड वासियों को कीचड़ से सामना करना पड़ता है तथा जो खाली प्लाट पड़े हुए हैं उनमे जहरीले जीव जंतु पैदा हो जाते हैं।