मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जाति छुपा कर चुनाव लड़ने को लेकर जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा है कि जब निर्वाचित सदस्य के पास कोई जाति प्रमाण पत्र है ही नहीं तो उसने किस आधार पर ओबीसी के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ा था। हाईकोर्ट ने निर्वाचित सदस्य से जाति प्रमाण पत्र भी मांगा लेकिन जिला पंचायत सदस्य ने जाति से संबंधित दस्तावेज पेश नहीं कर पाया। इसके बाद कोर्ट ने इस चुनाव को असंवैधानिक मानते हुए उनके निर्वाचन रद्द कर दिया
दरअसल रायसेन जिले के रहने वाले रमेश चौकसे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि राजेंद्र सिंह जो कि जनरल कैटेगरी से आते हैं। उसके बावजूद उन्होंने एक झूठा हलफनामा देते हुए खुद को ओबीसी का बताते हुए ओबीसी की रिजर्व सीट पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की। याचिका में कहा गया कि निर्वाचित सदस्य के पास कोई भी जाति संबंधित दस्तावेज नहीं है, लिहाजा इन सब बातों को देखते हुए हाईकोर्ट ने इस निर्वाचन को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि जब निर्वाचित सदस्य के पास कोई भी जाति से संबंधित दस्तावेज नहीं है तो फिर उसे इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।