रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। सीबीएसई द्वारा घोषित कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणामों में समेरिटंस स्कूल की छात्रा अंतरा शुक्ला ने 98 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश की मेरिट लिस्ट में तीसरा और संभाग में प्रथम स्थान बनाया। समेरिटंस के विद्यार्थियों ने एक बार फिर सफलता का परचम फहरा दिया। विद्यालय ने हर साल की भांति इस साल भी अपनी श्रेष्ठता को बरकरार रखा है। कक्षा 12वीं की छात्रा अंतरा शुक्ला ने परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। अंतरा ने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों और माता पिता को दिया। स्कूल का इस वर्ष का कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम 99 प्रतिशत रहा। स्कूल में इस वर्ष कक्षा 12वीं में कुल 167 बच्चे सम्मिलित हुए। इनमें से 4 बच्चों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित कर विद्यालय का नाम रोशन किया। जबकि 15 बच्चों ने 90 से 95 प्रतिशत के बीच अंक अर्जित किए। 40 बच्चों ने 80 से 90 प्रतिशत अंक हासिल किए।
ज्ञात रहे कि हाल ही में मप्र बोर्ड परीक्षा में समेरिटंस जुमेराती स्कूल की छात्राओं ने दोनों कक्षाओं में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।
ये रहे टॉपर –
ह्यूमेनिटी – अंतरा शुक्ला – 98 ,
कामर्स – मुस्कान टहलानी – 97,
मैथ्स – प्रवेश साहू – 93.2,
बायोलॉजी – खुशी पेठारी- 92,
लक्ष्मी माथनकर – 92
कक्षा 12वीं
कुल विद्यार्थी – 167,
मैथ्स – 57,
बॉयोलॉजी- 23,
कामर्स – 67,
ह्यूमेनिटी- 20
परीक्षा परिणाम – 99 प्रतिशत रहा –
इस वर्ष भी सीबीएसई ने अचानक परीक्षा परिणाम घोषित करके सबको चौंका दिया। परिणाम आने की सूचना मिलते ही स्कूल में विद्यार्थियों और अभिभावकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। वे शीघ्र ही अपना परिणाम जानना चाहते थे। परिणाम की जानकारी लगते ही बच्चे खुशी से उछल पड़े। स्कूल में हर्ष की लहर दौड़ गई। परिणाम आने के बाद स्कूल में उत्सवी वातावरण बन गया। विद्यार्थी और शिक्षक एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देते रहे। परीक्षा परिणाम आने पर विद्यालय के डॉयरेक्टर डॉ आशुतोष शर्मा और प्राचार्य श्रीमती प्रेरणा रावत ने सभी बच्चों को मिठाई खिलाई और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
100 में से 100 अंक किए प्राप्त अंतरा शुक्ला, शुभी लड्ढा, खुशी पेठारी, मुस्कान टहलानी, आकांक्षा सिंह और सपना सिंह ने म्यूजिक विषय में 100 में से 100 अंक अर्जित किए।
डॉयरेक्टर डॉ. आशुतोष कुमार शर्मा समेरिटंस ग्रुप ऑफ स्कूल्स-
हमारे विद्यालय में सत्र के प्रारंभ से ही योजनाबद्ध तरीके से लक्ष्य के साथ शिक्षण कार्य कराया जाता है। परीक्षा परिणामों की उत्कृष्टता का श्रेय शिक्षकों का योग्य मार्गदर्शन और विद्यार्थियों दोनों के परिश्रम जाता है।