कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री दीपक सक्सेना ने कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य विभाग के प्रतिवेदन के आधार पर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। साथ ही जिले में निरंतर भू-जल स्तर की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुये संपूर्ण जिले में ग्रामीण क्षेत्र के अशासकीय एवं निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने जारी आदेश में कहा है कि जिले की सीमा क्षेत्र में सार्वजनिक सडकों से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर नलकूप या बोरिग मशीन संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेगी। प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीनें जो अवैद्य रुप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेंगी अथवा नलकूप खनन या बोरिंग का प्रयास कर रही मशीनों को जप्त कर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार होगा।
उन्होंने समस्त अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को उनके क्षेत्रांतर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिये व अन्य प्रयोजनों के लिये उचित जांच के पश्चात अनुज्ञा देने के लिये प्राधिकृत किया है। कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी ने कहा है कि इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा-9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है। उपरोक्त आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा, तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्ययोजना अंतर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा, इसके लिये अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नवीन खनिज निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जलस्त्रोतों का आवश्यकता होने पर पेयजल व्यवस्था के लिये अधिनियम की धारा-4 के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा।