कटनी – जिला प्रशासन ने कटनी वासियों के जनसहयोग से कटनी शहर की माई नदी का पुनरूद्धार कर इसे सदनीरा बनाने की दिशा में भगीरथ प्रयास शुरू कर दिये है। इसके लिए आज मंगलवार को एस.डी.एम कटनी प्रदीप कुमार मिश्रा की अध्यक्षता मे सामाजिक संस्थाओं और समाज के प्रबुद्धजनों की बैठक आयोजित कर सुझाव लिये गए।
*कटनी वासी करेंगे अगुवाई*
माईनदी के तदों पर बने प्राचीन मंदिरों के प्रति पीढ़ियों से कटनीवासियों की आस्था और श्रद्धा रही है। इसलिए जनसहयोग से माई नदी के जीर्णोद्धार कार्य की अगुवाई करने में कटनी वासियों ने आगे बढ़कर दिलचस्पी दिखाया है।
*नदी पुर्न जीवन के प्रणेता*
कलेक्टर अवि प्रसाद ने बीते 21 मार्च को अपने बड़वारा विलायतकला के भ्रमण से वापसी के दौरान माई नदी के पुल के पहले वाहन से उतरकर वेंकट वार्ड निषाद स्कूल तक की पैदल यात्रा के दौरान सूखी माई नदी को देखकर एस.डी.एम प्रदीप कुमार मिश्रा को माई नदी को के जीर्णोद्वार की दिशा मे जनभागीदारी से मुहिम चलाने के निर्देश दिए थे।
कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश के बाद मंगलवार को आयोजित बैठक में समाज के सभी वर्गो ने जनसहयोग से नदी को पुर्नजीवित करने में भागीदारी निभाने की बात कही।
*बनेगा रिवर फ्रंट*
ठरका टैंक से निकलने वाली 14 किलोमीटर लंबी माई नदी के सभी महत्वपूर्ण घाटों नदीघाट, अग्रवाल घाट, सरसवाही घाट सहित सभी घाटों का सौंदर्यीकरण कराया जायेगा। साथ ही नदी में मिलने वाले सभी सात नालों के पानी के शुद्धीकरण हेतु वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था की जायेगी। माई नदी को पुर्नजीवित कर सदानीरा बनाकर यहां रिवर फ्रंट बनाया जायेगा।
*होगा सीमांकन*
माई नदी के दोनो तरफ के घाटों का सीमांकन कराकर जल विशेषज्ञों के मार्गदर्शन व निगरानी में माई नदी को पुराने वैभव और स्वरूप में लाने की दिशा में जनसहयोग से कार्य किया जायेगा।
*श्रमदान और जनसहयोग*
बैठक मे मौजूद रहे समाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थानों, उद्योगपतियों और विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों ने स्वेच्छा से इस नेक और पुण्य के कार्य में श्रमदान और जनसहयोग की मंशा व्यक्त की है।
*अगली बैठक 13 को*
एस.डी.एम कटनी श्री मिश्रा ने बताया कि मंगलवार की बैठक मे जिस प्रकार से माई नदी को सदानीरा बनाने कटनी के विभिन्न वर्गो के लोगों ने उत्साह दिखाया है उसे देखते हुए विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों की बैठक 13 अप्रैल को आयोजित की गई है।
बैठक मे नगर निगम उज्जैन के सेवानिवृत्त इंजीनियर एवं क्षिप्रा नदी के पुनरूद्धार के लिए कार्य कर चुके जल विशेषज्ञ अरूण नामदेव, मानव विकास समिति के संचालक निर्भय सिंह, मोहन नागवानी, प्रवीण पप्पू बजाज, राजस्व एवं नगर निगम के अधिकारियों सहित नीरा राठिया और एडव्होकेट प्रकाश भूमिया मौजूद रहे।