कटनी – उच्च न्यायालय में कटनी जिले के विभिन्न विभागों से संबंधित पिछले 23 वर्षो से प्रचलित 1025 रिट याचिकाओं का मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति के दिशा- निर्देशों के अनुरूप प्रभावी प्रबंधन की वजह से शासन का पक्ष मजबूती से रखा जा सका। कलेक्टर अवि प्रसाद के मार्गदर्शन मे लंबित याचिकाओं में समय पर जवाबदावा और पालन प्रतिवेदन दाखिल कराने के कार्य को सुगम बनानें एन.आई.सी के साफ्टवेयर के प्रयोग की पहल की गई। जिससे हर याचिका में तय समय – सीमा में जवाबदावा और पालन प्रतिवेदन दाखिल करने की व्यवस्था को मजबूती मिली। जिससे मात्र एक साल की कम अवधि मे ही लंबित याचिकाओं की संख्या में रिकार्ड कमी परिलक्षित हुई है।
*548 याचिकाओं में जवाबदावा पेश*
उच्च न्यायालय में लंबित कटनी जिले के विभिन्न विभागों के रिट याचिकाओं की कलेक्टर श्री अवि प्रसाद द्वारा समय-सीमा बैठकों में की गई निरंतर समीक्षा और निगरानी की वजह से एक साल से कम अवधि के भीतर ही रिकार्ड 548 याचिकाओं पर जवाबदावा प्रस्तुत किया गया। इनमें से 71 प्रकरणों का निराकरण भी हो गया। वहीं 82 प्रकरणों में शासकीय अधिवक्ता द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होने का अभिमत दिया गया।
*डिप्टी कलेक्टर को बनाया प्रभारी अधिकारी*
उच्च न्यायालय में जिले के लंबित प्रकरणों की बडी संख्या को देखते हुए कलेक्टर श्री प्रसाद ने लंबित रिट याचिकाओं में समय पर जवाबदावा प्रस्तुत कराने हेतु डिप्टी कलेक्टर श्री प्रमोद कुमार चतुर्वेदी को एस.डव्ल्यू शाखा की जवाबदेही सौपी। जिस वजह से याचिकाओं का व्यवस्थित समीक्षात्मक मूल्यांकन होने लगा और पूर्ण प्रतिबद्धता और दायित्वबोघ के साथ समय पर प्रतिवाद दाखिल किया जाने लगा।
*विभागीय लिपिकों को किया सम्मानित*
न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण में उत्कृष्ट कार्य वाले कलेक्ट्रेट की एस.डव्ल्यू शाखा में पदस्थ लिपिकों ओमप्रकाश तिवारी एवं शैलेन्द्र देशमुख को बेहतर कार्य के लिए हाल ही मे कलेक्टर श्री प्रसाद ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया है।
*मुकदमों के प्रबंधन में आई.टी का प्रयोग*
उच्च न्यायालय से संबंधित सभी याचिकाओं का अभिलेख पहले मैन्युअल पंजी मे संधारित किया जाता था। जिससे समय पर पालन प्रतिवेदन और जवाबदावा प्रस्तुत करने में विलंब हो जाया करता था। लेकिन कलेक्टर श्री प्रसाद ने पिछले एक साल में उच्च न्यायालय से संबंधित सभी याचिकाओं के प्रभावी पर्यवेक्षण की दृष्टि से अभिलेख प्रबंधन व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण कराया। जिसके तहत न्यायालयीन प्रकरणों की निगरानी हेतु एन.आई.सी द्वारा तैयार विशेष साफ्टवेयर वेब सक्षम प्रबंधन सूचना प्रणाली में सभी याचिकाओं की फीडिंग की गई। जिससे याचिकाओं मे प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति और प्रभारी अधिकारी वार लंबित याचिकाओं की मॉनिटरिंग करने में सहूलियत हुई और समय पर जवाब दावा दाखिल किया जाने लगा।