ग्राम सातनुर व सत्रापुर में बुद्ध विहार का उद्घाटन एवं तथागत बुद्ध प्रतिमाओं का अनावरण समारोह संपन्न*
*छिंदवाड़ा*
भारतीय बौद्ध महासभा के तत्वावधान में संतरांचल के ग्राम सातनुर एवं सत्रापुर में डॉ.बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा निर्मित धर्मदाय आयुक्त मुम्बई से विधिमान्य भारतीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय ट्रस्टी चेयरमैन डॉ.चंद्रबोधि पाटील,संविधान के शिल्पकार एवं भारतीय बौद्ध महासभा के संस्थापक डॉ.बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के पौत्र डॉ.भीमराव अम्बेडकर , सिने अभिनेता गगन मलिक ,भारतीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय ट्रस्टी कोषाध्यक्ष इंजीनियर धम्मरतन सोमकुंवर,मध्यप्रदेश इकाई
के प्रदेश महासचिव चिंतामन पगारे,प्रदेश उपाध्यक्ष एड.रमेश लोखंडे, विदर्भ प्रदेश कोषाध्यक्ष मनोहर दुपारे,विदर्भ अध्यक्ष अनिलकुमार मेश्राम, रामकुमार वंजारी , एड.नरेश कडबे अनिरुद्ध दुपारे आकाश सहारे,सन्माननीय भिक्षु संघ,देश भर से पधारे अतिथि गण,समता सैनिक दल, रमाबाई महिला मंडल,डॉ.अम्बेडकर नवयुवक मंडल,जिले के बौद्ध उपासक,गणमान्य नागरिकों,जनप्रतिनिधियों, ग्रामवासियों की उपस्थिति में बुद्ध विहारों एवं महाकरुणिक तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमाओं का अनावरण समारोह भव्यता के साथ संपन्न हुआ ।
इस गरिमामय समारोह को सम्बोधित करते हुए भारतीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय ट्रस्टी चेयरमैन डॉ.चंद्रबोधि पाटील ने कहा कि,सन्माननीय भिक्षु संघ,धम्म व अम्बेडकरी मिशन से जुडे विविध संगठनों,देश के प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों,धम्म उपासकों को साथ लेकर विश्व भूषण भारत रत्न डॉ.बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का भारत को बौद्धमय बनाने का संकल्प पूरा करना और बौधों तथा कमजोरों पर होने वाले अन्याय का प्रतिकार करना भारतीय बौद्ध महासभा का प्रमुख लक्ष्य है । उन्होंने विस्तार से बताया कि, सम्राट अशोक के समय एवं तत्पश्चात भी भारत बौद्धमय था। डॉ.बाबासाहेब अम्बेडकर ने तथागत गौतम बुद्ध के तत्वज्ञान के अनुरूप समता स्वतंत्रता बंधुता व न्याय पर आधारित संविधान लिखकर ,बौधों की पवित्र भूमि नागपुर में लाखों अनुयायियों सहित बौद्ध धम्म की दीक्षा लेकर भारत मे फिर से बौद्ध धम्म प्रस्थापित किया हैं । बुध विहार धम्म व ज्ञान के प्रसार प्रचार केंद्र है,जहां नियमित रूप से सामुहिक धम्म वंदना,धम्म संगोष्ठियों का आयोजन किया जाना आवश्यक है ।
*संवाददाता शुभम सहारे छिंदवाड़ा*