रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम//बुधनी।। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में बुधनी में बीच नर्मदा नदी में मशीनों से रेत का अवैध खनन परिवहन को रहा है। सूत्रों की माने तो सीहोर जिले के अंतर्गत बुधनी क्षेत्र के जहाजपुरा,चरुआ, जाजना बाबरी में राजनीतिक संरक्षण और खनिज विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी से जेसीबी पोकलेन मशीनों से बीच नर्मदा से रेत का उत्खनन परिवहन किया जा रहा है। समाचार पत्र एवं न्यूज चेनलो में यहां की खबरें प्रकाशित होने पर खनिज विभाग अधिकारी और निरीक्षक रेत के अवैध कारोबार में लगी छोटी-मोटी मछलियों पर कार्यवाही कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं और दिखावे की कार्यवाही कर वाह वाही लूटते हैं। बताया जाता है कि यहां पर पावर मेक कंपनी को रेत का ठेका कार्य मिला हुआ है। समाचार पत्रों
में खबर प्रकाशित होने के बाद किश्तियों से रेत का उत्खनन करने वालों पर कार्यवाही की जाती है परंतु बीच नर्मदा नदी से जेसीबी पोकलेन से हो रहे उत्खनन पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है जो स्पष्ट करता है कि यह पूरा खेल राजनीतिक संरक्षण में और खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है। नर्मदा नदी के सीने को मशीनों से खुलेआम छलनी किया जा रहा है और मां नर्मदा मैया की पूजा करने वाले जनप्रतिनिधि भी मौन हैं, जिस पर भी बड़े सवाल खड़े होते हैं। नर्मदा नदी में मशीन से चल रहे अवैध उत्खनन परिवहन के खेल से स्पष्ट होता है कि रसूखदार माफिया किस कदर हावी हैं? बीच नर्मदा नदी में पोकलैंड एवं जेसीवी से सैकड़ों डंफर रेत निकालकर नर्मदा नदी का सीना छलनी कर नर्मदा के आस्तित्व पर खतरा उत्पन्न किया जा रहा है। जलीय जीव जंतु के अस्तित्व पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी खतरा उत्पन्न हो गया है। बीच नर्मदा नदी से इसी तरह मां का सीना छलनी किया जाता रहा तो आने वाले दिनों में नर्मदा के अस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न होगा। आश्चर्य का विषय है कि बीच नर्मदा नदी से इस तरह मशीनों से उत्खनन हो रहा है परंतु सीहोर जिले के खनिज अधिकारी राजेन्द्र परमार एवं खनिज निरीक्षक संतोष सूर्यवंशी बीच नर्मदा में चल रहे मशीनी से उत्खनन पर अंकुश लगा पाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं या फिर उनकी मिलीभगत से यह काम चल रहा है? जिस पर बड़े सवाल खड़े होते हैं। अब तो बड़ा सवाल यह भी खड़ा होने लगा है कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान के विधानसभा क्षेत्र में मशीन से नदी में अवैध खनन पर वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव सरकार के आदेश दिशा निर्देश यहां पर लागू नहीं होते हैं ?? जो की रेत माफिया खुलेआम बीच नर्मदा नदी में मशीनों से उत्खनन में लगे हुए हैं?? दूसरी तरफ यह बात भी चर्चा में आ रही है कि जब 3 वर्षों से अधिक समय से जमे खनिज विभाग के अधिकारीयो के रहते बीच नर्मदा में मशीन से अवैध खनन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है ? तो क्या शासन का एक स्थान पर 3 वर्षों का आदेश सीहोर जिले के खनिज अधिकारियो पर लागू नहीं होता?? मीडिया द्वारा सीहोर जिला खनिज अधिकारी एवं खनिज निरीक्षक को उक्त विषय के संबंध में निरंतर फोन लगाया गया और वाट्सअप पर मेसेज किए गए किंतु उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया। वहीं एसडीएम बुधनी आरएस बघेल ने बताया कि आपके माध्यम से जानकारी मिली है, जिला खनिज अधिकारी और खनिज निरीक्षक को कार्यवाही के लिए निर्देशित करता हूं।