रिपोर्टर सीमा कैथवास
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अंतर्गत एनसीएसटीसी का कार्यक्रम
सूर्यऊर्जा के साथ अन्य नवीनीकरणीय ऊर्जा के उपयोग की शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्र मे सफल प्रयोग की अधिक संभावनायें हैं इसमे इस क्षेत्र की महिलायें परिवर्तन एजेंट के रूप मे भागीदार निभा सकती हैं । यह बात एनसीएसटीसी नेशनल अवार्ड प्राप्त सारिका घारू ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित महिला चौपाल कार्यक्रम में कही ।
भारत डॉ. श्रीमती रश्मि शर्मा एवं सीनियर साइंटिस्ट श्री राजेन्दर सिंह के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम में सारिका घारू ने अक्षयऊर्जा के महत्व को बताते हुये इसको अपनाने को प्रेरित किया गया । कार्यक्रम में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जानकारी देते हुये बताया कि इसमें लगभग 1 करोड़ लोगों के घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य है, जिससे उनके बिजली के बिलों में कमी या बिल्कुल ज़ीरो खर्चा हो। यह योजना विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को लाभ पहुँचाने के लिए है।
सारिका ने कहा कि अक्षय ऊर्जा स्रोत ही भविष्य के ऊर्जा संसाधन हैं नवीकरणीय ऊर्जा पर्यावरण के अनुकूल होती है तथा इसमें प्रदूषण भी नही होता है । महिलाओं की भागीदारी का लाभ उठाकर ही इसे सफल बनाया जा सकता है । तो अब सौर पैनल से जोड़ें नाता, बिजली के बिल को कहें बाय …टाटा
– सारिका घारू @GharuSarika