कभी सेना के शौर्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करना, उनक मनोबल तोड़ना, कभी भारत को उत्तर-दक्षिण के नाम पर बाँटना, कभी विधानसभा जैसी पवित्र जगह पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाना, कभी टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े होना, क्या ये एक बार फिर भारत के विभाजन की कांग्रेसी साज़िश तो नहीं?