मध्यप्रदेश
राज्य सरकार 7.50 लाख कर्मचारियों को 4% महंगाई भत्ता (डीए) और 5.47 लाख पेंशनर्स को इतनी ही महंगाई राहत (डीआर) देने की तैयारी है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार इस बड़े वर्ग की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती।
इसी के चलते कर्मचारियों और पेंशनर्स का हिसाब-किताब बराबर किए जाने को लेकर आगामी कैबिनेट में चर्चा किया जाना है। एक्स एजेंडे में लाकर इस बारे में बातचीत की जाएगी।
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता इसी महीने के दूसरे सप्ताह में लग सकती है। इसके पहले सरकार कर्मचारियों का डीए और पेंशनर्स का डीआर देने की तैयारी में है। मप्र में कर्मचारियों का 1 जुलाई 2023 से 4% डीए बकाया है। इस हिसाब से उनका हिसाब बराबर करने डीए का 9 महीने का एरियर देना होगा।
इस मामले में 4% डीए देने का प्रस्ताव तो वित्त विभाग ने तैयार कर भेजा हुआ है, जिस पर मुख्यमंत्री से चर्चा कर अंतिम फैसला लिया जाना है। प्रस्ताव के अनुसार कर्मचारियों का 4% डीए का भुगतान करने पर हर महीने 180 से 190 करोड़ रुपए हर महीने का अतिरिक्त खर्च आना है। एरियर का भुगतान करने पर यह खर्च 1700 करोड़ रुपए होगा।
आगामी 1 अप्रैल से 31 मार्च तक 2025 तक बढ़े हुए डीए का अतिरिक्त खर्चा 2280 करोड़ रुपए होगा। पेंशनर्स को 4 प्रतिशत महंगाई राहत दिए जाने पर हर महीने 80 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्चा आना है। हालाकि इसके लिए सरकार को कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर प्रति छत्तीसगढ़ को भेजना होगा, वहां से सहमति मिलने के बाद पेंशनर्स को डीआर दिए जाने के आदेश जारी किए जा सकेंगे।