रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम // देश के महान राष्ट्रभक्त महापुरुषों की प्रतिमाएं नर्मदापुरम नगरी में लगाए जाने की मांग नपा उपाध्यक्ष सहित 21 पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त आवेदन के माध्यम से नगर पालिका अध्यक्ष नीतू महेंद्र यादव से की गई है। आवेदन के माध्यम से अवगत कराया गया है कि
हमारे देश के सपूत महान राष्ट्र भक्त, नेताओं की प्रतिमाएँ जिन्होने देश, प्रदेश एवं नर्मदापुरम् को गढ़ने में अपना जीवन लगा दिया उनकी सार्वजनिक स्थान पर प्रतिमा स्थापना हेतु नगरपालिका जमीन आवंटित करें। इन महापुरूषों की प्रतिमाएँ लगाने हेतु भूमि देने से नगरपालिका नर्मदापुरम् ही गौरवान्वित होगी। प्रतिमाएँ बनवाने हेतु कई संस्थाएँ एवं व्यक्ति तैयार है। अतःशीघ्र भूमि आवंटित करने की कार्यवाही करने का कष्ट करें।
जिन्होंने देश, प्रदेश एवं क्षेत्र के लिये जीवन सर्मपण कर दिया उन लोकतंत्र के प्रहरी, महान विभूतियों का विवरण निम्नांकित है…..
(1) भारत रत्न माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत रत्न से सुशोभित, पूर्व प्रधान मंत्री संयुक्त सरकार में मंत्री जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रथम बार हिंदीं में उद्बोधन दिया तथा हिंदीं को विदेशों में प्रतिष्ठित् किया। नेता प्रतिपक्ष रहते हुऐ उनकी अद्वितीय मेधा, वाकशक्ति के कारण काँग्रेस के प्रधानमंत्री नरसिंम्हाराव ने संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने भेजा 119 महीने आपातकाल में जेल में रहे, अद्वितीय वक्ता, जनसंघ जनतापार्टी एवं भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक । भारतीय जनता पार्टी के प्रथम अध्यक्ष भी रहे।
(2) लोकनायक श्री जयप्रकाश नारायण गांधी जी के सहयोगी, कांग्रेस की जनविरोधी नीति का विरोध करते हुए विनोवा भावे के साथ सर्वोदय आंदोलन प्रारंभ किया । कांग्रेस सरकार की जनविरोधी नीति के कारण जन आंदोलन प्रारंभ किया। गुजरात में कांग्रेस के विरूद्ध जनता के साथ संपूर्ण गुजरात के विद्यार्थीयों ने आंदोलन किया तथा श्री जयप्रकाश नारायण से आंदोलन का नेतृत्व करने आग्रह किया। पहली बार जन आंदोलन के कारण गुजरात की कांग्रेस सरकार को भंग करना पड़ा। इसके बाद संपूर्ण देश में विद्यार्थी आंदोलन प्रारंभ हो गये । इन युवाओं का नेतृत्व चिरयुवा, वयोवृद्ध श्री जयप्रकाश नारायण ने किया, जिसमें देश की सभी पार्टीयां वाजपेयी जी, आडवाणी जी, नाना जी देशमुख सहित समाजवादी व अन्य पार्टियां शामिल हो गई। जिसमें प्रमुख नर्मदापुरम् से श्री हरिविष्णु कामथ म.प्र.से श्री ठाकरे जी, राजमाता आदि शामिल हो गये। जनता ने उन्हें लोक नायक की पदवी दी तथा वे जे०पी०नाम से जन-जन में छा गये। उग्र आंदोलन के कारण ही आपातकाल लगाया जिसमें जे.पी.सहित सभी नेता गिरफ्तार कर 19 महीने जेल में रहे। आपातकाल काल के बाद उन्हीं के आग्रह प्रेरणा से सभी पार्टियों समाप्त करके जनता पार्टी का जन्म हुआ जिसने केन्द्र में पहली बार कांग्रेस सरकार को अपदस्थ किया। उन्हेंनें ज पा. सरकार बनने के बाद में प्रधानमंत्री बनने से मना कर दिया बाद में राष्ट्रपति पद के लिये भी मना कर दिया।
(3) श्री हरिविष्णु कामथ:- स्वनाम धन्य श्री हरिविष्णु कामथ I.C.S आफीसर थे । यहाँ कलेक्टर रहे । ब्रिटिश अत्याचारों के विरोध में उन्होंने 1.C.S जैसी नौकरी तथा कलेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया तथा गांधी जी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये। देश की स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस की नीतियों से असमत होते हुए सहयोगियों के साथ प्रजा समाज वादी पार्टी की स्थापना की । होशंगाबाद उनका कार्य एवं कर्म क्षेत्र रहा। वे भारत की संविधान सभा के सकिय सदस्य रहे । उनके मूल्यवान कई सुझावों को संविधान में शामिल किया गया । डॉ० अम्बेडकर के निकट सहयोगी रहे,कानून के ज्ञाता कामथ जी जब भारत की संसद में वक्तव्य देते तब सभी सांसद उनकी बात सुनने उपस्थित रहते। उनके अकाट्य तर्को से सत्तारूढ़ सहित विरोधी भी सहमत रहते। जे.पी. के सहयोगी तथा कांग्रेस विरोधी आंदोलन में शामिल होने से वे 19 महिने जेल में रहे। जेल से छूटने के बाद पुनःहोशंगाबाद से सांसद रहे। संसद में आपातकाल के विरोध में उनके द्वारा प्रस्तुत अशासकीय संकल्प को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया । एक बार सांसद का चुनाव हारने के बाद की लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री कामथ के बिना संसद की कल्पना भी नहीं की जा सकती । पेंट एवं कुर्ता उनका पहनावा था वह भी दो जोड़ी रहता था । खराब होने पर ही दूसरा बनवाते थें। अकल्पनीय नैतिकता, सादगी एवं समय की पाबंदी उनकी पहचान थी। वह होशंगाबाद के गौरव एवं मां नर्मदा के सच्चे सपूत थे । तमाम जिंदगीं वे होशंगाबाद का प्रतिनिधित्व करते रहे। अन्य कही से चुनाव लड़ने के प्रस्ताव उन्होंने ठुकरा दिये होशंगाबाद का नर्मदापुर एवं S.P.M.का केन्द्रीय विद्यालय जैसे अनेकों जनहित कार्य श्री कामथ जी द्वारा किये गये हैं।
(4) राजमाता श्रीमति विजया राजे सिंधिया :- म.प्र.में जनसंघ एवं भा.ज.पा.को वर्तमान सुदृढ़ स्वरूप देने में राजमाता जी का सर्वाधिक योगदान था। उनके कारण ही मध्य भारत में हिन्दू महा सभा तथा बाद में जनसंघ का प्रभाव रहा । वे 19 महीने आपातकाल में जेल में रहीं। आपातकाल के पहले जनसंघ एवं बाद में भा.ज.पा.के लिये उन्होंने प्रदेश भर में दौरे किये। इनका जनाधार बनाने की वह प्रमुख शिल्पी थी। आपका होशंगाबाद से विशेष लगाव रहा है। माँ नर्मदा में आपकी अटूट आस्था थी।
महोदया, उक्त चारों नेता लोक तंत्र के प्रहरी, सेनानी थे। जिन्होंने देश के लिए अपना संम्पूर्ण जीवन समर्पित किया एवं देश तथा प्रजातंत्र की रक्षा के लिये जेल भी गये। उनकी मूर्तियां स्थापित कर हम उनके प्रति अपनी विनम्र कृतज्ञता ही ज्ञापित करेंगे।
माननीय महोदय संलग्न ज्ञापन में उपाध्यक्ष सहित हम 21 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं। शहर में यदि शासकीय भूमि पर मूर्तियाँ लगवाई जा रही है तो कृपया उपरोक्त महापुरूषों की मूर्तियों हेतु भी भूमि देने का कष्ट करें।
उक्त मांग की सूचना –
नर्मदापुरम विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा,
नर्मदापुरम कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना,
मुख्य नगर पालिका अधिकारी नर्मदापुरम , सूचनार्थ कर उचित कार्यवाही की मांग की है।