कटनी जिले के ग्राम टिकरिया पहरूआ में उपलब्ध खसरा नंबर 65 की शासकीय राजस्व भूमि को रेडीमेड वस्त्र क्लस्टर निर्माण हेतु चिन्हित किया गया है। कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटनी ने खसरा नंबर 65 की शासकीय भूमि मे से 2.98 हेक्टेयर भूमि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग विभाग को वस्त्र निर्माण के क्लस्टर हेतु हस्तांतरित किये जाने का प्रस्ताव प्रेषित किया है।
कटनी में वस्त्र निर्माण क्लस्टर शुरू होने पर रोजगार के अवसर बढेंगे और कटनी के औद्योगिक परिदृश्य में भी विकासात्मक बदलाव परिलक्षित होगें। कलेक्टर श्री प्रसाद ने प्रेषित प्रस्ताव मे आयुक्त सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से कहा है कि रेडीमेड वस्त्र क्लस्टर निर्माण हेतु संबंधितों को मध्यप्रदेश नजूल निर्वतन निर्देश 2020 के तहत आवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित करने का आग्रह किया है।
उल्लेखनीय है कि आयुक्त एम.एस.एम.ई. ने कलेक्टर को भूमि आवंटित करने के लिए पत्र लिखकर कटनी रेडीमेड वस्त्र निर्माता संघ द्वारा रेडीमेड वस्त्र क्लस्टर निर्माण हेतु रेल्वे स्टेशन से 5 किलोमीटर के दायरे में 5 से 10 एकड़ भूमि की मांग किये जाने का उल्लेख करते हुए पत्र लिखा था। जिसमें उल्लेखित किया गया था कि रोजगार के अवसरों एवं निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एम.एस.एम.ई विभाग द्वारा एम.एस.एम.ई को भूमि आवंटन तथा भवन आवंटन प्रबंधन नियम लागू किया गया है। इस नियम के तहत प्रदेश के संतुलित औद्योगिक विकास एवं दूरस्थ क्षेत्रों में औद्योगिक संरचना के विकास के अंतर्गत निजी विकासकर्ताओं के माध्यम से बेहतर औद्योगिक संरचना का विकास और रख-रखाव के उद्देश्य से क्लस्टर विकास हेतु विभाग के अधिपत्य की अविकसित भूमि आवंटित किये जानें का प्रावधान है। आयुक्त ने कलेक्टर को लिखे पत्र में यह भी उल्लेखित किया है कि कटनी रेडीमेड वस़्त्र निमार्ता संघ द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि कटनी जिले में रेडीमेड वस्त्र निर्माण करनें वाले लगभग 100 उद्योगपति है जिनकी ईकाईयों के माध्यम से लगभग 4 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। जिनमें से 50 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की है।
*गारमेंट उद्योग को लगेंगे पंख*
क्लस्टर बनने से जिले मे रेडीमेड वस्त्र निर्माण में संलग्न इकाइयों के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां मौजूद छोटे- बडे स्तर पर रेडीमेड वस्त्र निर्माण जैसे सलवार सूट, कुर्ती, शर्ट, बरमूडा, बैग, स्कूल ड्रेस, छाता, अंडरवियर, पेटीकोट, रूमाल, कमीज, टाई, स्कार्फ उद्योग को पंख लगेंगे और यहां से निर्मित होने वाले रेडीमेड वस्त्रों के निर्यात में बढोत्तरी होगी। जिससे अनुमानित तौर पर करीब 3 करोड रूपये का जी.एस.टी शासन को प्राप्त होना संभावित है।