अगर किसी ने बदमाशी करने का प्रयास किया, किसी बेटी को छेड़ने का प्रयास किया, किसी की इज्जत पर हाथ डाला या फिर चोरी डकैती जैसी वारदात को अंजाम दिया तो अगले चौराहे पर जाते-जाते पुलिस तुरंत उसे दबोच लेगी. बदमाश भाग नहीं पाएगा. चौराहे से राम नाम सत्य की खबर आ जाएगी.
अपराधियों में खौफ, जनता के लिए राहत
इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर न केवल राज्य में स्मार्ट शासन कायम करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि अपराधियों के लिए भी एक बड़ा डर बनकर उभरा है. यह हाई-टेक केंद्र विभिन्न विभागों को जोड़ता है, जिससे सूचनाओं का आदान-प्रदान और समन्वय बेहतर होकर अपराधियों का पकड़ना आसान हो गया है.
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— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) February 3, 2024
इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर के तहत लगे हजारों सीसीटीवी कैमरों और सेंसरों से पूरे शहर की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है. अपराधी अब यह नहीं सोच सकते कि वे अंधेरे में छिपकर अपराध कर लेंगे.
: किसी भी संदिग्ध गतिविधि की पहचान होते ही आईसीसीसी संबंधित विभागों को सूचित कर देता है. इससे पुलिस और अन्य एजेंसियां तुरंत कार्रवाई कर सकती हैं, जिससे अपराधियों के फरार होने की संभावना कम हो जाती है.
आईसीसीसी द्वारा एकत्रित डेटा का विश्लेषण कर अपराधियों के पैटर्न और ठिकानों का पता लगाया जा सकता है. इससे अपराध को रोकने और अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलती है.
आईसीसीसी की निगरानी से अपराधों की दर कम हो रही है, जिससे आम जनता सुरक्षित महसूस कर रही है. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा में भी सुधार हुआ है.
आईसीसीसी ट्रैफिक जाम की निगरानी कर यातायात पुलिस को सूचित करता है, जिससे यातायात सुचारू रूप से चलता है और लोगों का समय बचाता है.
आईसीसीसी विभिन्न विभागों के बीच समन्वय को बढ़ाता है, जिससे शासन प्रणाली अधिक कुशल और जवाबदेह बनती है. इससे आम जनता को बेहतर सेवाएं मिलती हैं.