कटनी। शासकीय महाविद्यालय विजयराघवगढ़ में मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर अरुण कुमार सिंह के निर्देशन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर श्रीमती सुमन पुरवार के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के क्रम में चार गड्ढा विधि से केंचुआ खाद निर्माण से कृषक को अतिरिक्त श्रम तथा समय देने की जरूरत नहीं पड़ती तथा कम लागत में अधिक मात्रा में केंचुआ खाद बनती है। 12 फीट लंबा 12 फुट चौड़ा एवं ढाई फीट ऊंचा पक्का टांका बनाकर ईट की दीवार से चार बराबर भागों में बांटकर जालीदार बनाया जाता है। इस चक्रीय तंत्र से प्रतिमाह 5 क्विंटल केंचुआ खाद बन जाती है। नाडेप टांका खाद के अंतर्गत पक्का नाडेप। टाटिया नाडेप तथा कच्चा या भू नाडेप से 4 माह में 25 से 30 क्विंटल खाद बनाने तथा फसलों में उपयोग करने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। उपरोक्त खादों में सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं।