कटनी। जब-जब धर्म की हानि होती है और अत्याचार बढ़ते हैं, भगवान अवतरित होते हैं। कंस के अत्याचार बढ़े और जब उसे पता लगा कि माता देवकी की कोख से जन्म लेने वाली आठवीं संतान उसका काल बनेगी तो उसने अपनी बहन व बहनोई को ही कारागाह में डाल दिया। सात संतानों को उसने जन्म लेते ही मार दिया लेकिन जब भगवान धरा पर अवतरित हुए तो माता-पिता की हथकड़ी बेड़ियां खुल गईं और पहरेदार सो गए। कारागाह के दरवाजे अपने आप खुल गए। तेज बारिश शुरू हो गई ताकि लोग अपने घरों से बाहर न निकल सकें। पिता वासुदेव भगवान को लेकर नंदबाबाद के घर पहुंचे और उनके वापस आते ही पहले जैसे ही सब हो गया। यह बात संत नगर स्थित सिद्ध बाबा कालोनी स्थित सिद्ध बाबा मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के दौरान कथा व्यास डा. डा. बालेन्द्रु मिश्र प्रयागराज ने कही। कथा व्यास ने कहा कि भगवान सच्चे हृदय से पुकारने वालों की अवश्य सुनते हैं और इसके चलते ही उन्होंने कंस के अत्याचार से मुक्ति दिलाने धरा पर अवतार लिया। कथा के दौरान भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया। जिसमें भगवान के बाल स्वरूप की झांकी बनाई गई और बधाई गीतों के बीच जन्मोत्सव मनाया गया। जैसे ही कथा व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण के माता देवकी के गर्भ से कारागाह में जन्म लेने की कथा सुनाई पूरा कथा स्थल भगवान के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालु बाल स्वरूप भगवान के दर्शन पूजन को उमड़ पड़े। बधाई गीतों के बीच लोगों ने भगवान का पूजन किया और उनकी आरती उतारी गई। इससे पहले कथा व्यास डा. मिश्र ने भगवान की लीलाओं का वर्णन किया।
भगवान के वामन अवतार सहित अन्य अवतार की कथा पर उन्होंने प्रकाश डाला। भगवान की आरती उतारी गई और प्रसाद वितरण के साथ दिन की कथा काे विराम दिया गया। आयोजकों ने बताया कि गुरूवार को कथा स्थल पर भगवान की लीलाओं के साथ ही रूकमणि विवाह महोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा