9993205230 मनीष गौतम
जरूरतमंद बालकों को संरक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं की करें जांच
कलेक्टर ने दिये निर्देश
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सतना 7 जनवरी 2024/कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुराग वर्मा ने किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत जिले में 0 से 18 वर्ष की आयु के बालकों की देखभाल एवं जरूरतमंद बालकों को संरक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं की जांच सर्वे के माध्यम से किए जाने के निर्देश दिए हैं।
18 वर्ष आयु तक के जरूरतमंद बालकों एवं बेसहारा, परित्यक्त, घर से भागे हुए बाल भिक्षुक एवं अन्य शोषण के शिकार, सड़क पर रहने वाले बच्चों को संरक्षण प्रदान करने वाली अशासकीय संस्थाओं को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 41 के तहत विधिवत पंजीयन प्राप्त करना चाहिए। यदि कोई संस्था बिना पंजीयन के यह कार्य करती है तो अधिनियम की धारा 42 के प्रावधानों के तहत उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने जिले के प्रत्येक अनुभाग में इस हेतु समिति का गठन भी किया है। जिसमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, बीईओ, सीडीपीओ तथा बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष या सदस्य को शामिल किया गया है।
कलेक्टर ने जिले में अभियान चलाकर इस समिति के माध्यम से ऐसी संस्थाओं की जांच करने के निर्देश दिए हैं। अनुभाग स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में गठित यह समितियां की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला समिति को सीधे सौंपेगी। जिला स्तरीय समिति में एलडीएम, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास, उपसंचालक सामाजिक न्याय, जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण को भी शामिल किया गया है।
जिले में गठित अपर कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति निर्धारित बिंदुओं पर अपनी जांच कर अपंजीकृत संस्था या अवैध संस्था की रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करेगी। जांच के बिंदुओं में विदेशी सहायता की जानकारी ,संस्था की पृष्ठभूमि, कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन, संस्था का फर्म एवं सोसायटी के तहत पंजीयन, भवन अनुज्ञा तथा धर्मांतरण की स्थिति की जांच जैसे बिंदु शामिल रहेंगे। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने संबंधित समितियों को जिले में ऐसी अपंजीकृत या अवैध रूप से संचालित संस्थाओं की जांच कर सर्वे रिपोर्ट और उनके क्षेत्र में कोई भी अपंजीकृत संस्था संचालित नहीं होने का प्रमाण-पत्र शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
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