बोले-यह काला का कानून
कालापीपल(बबलू जायसवाल)सड़क दुर्घटना कानून के विरोध में शनिवार को सरकारी एवं निजी वाहन ड्राइवर यूनियन सड़क पर उतरा।पंचमुखी चौराहे पर इकट्ठा हुए ड्राइवरों ने राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार टीआई को ज्ञापन सौंपा।
उनका कहना है कि सरकार ने वाहन चालकों के लिए जो कानून लागू किया है।वह पूरी तरह से काला कानून है।कानून में हादसे के बाद घायल को इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जाने पर ड्राइवर को 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।ड्राइवर द्वारा घायल को थाने या अस्पताल ले जाने पर सजा कम होगी।
ड्राइवर मनोज नाथ का कहना है कि कोई भी ड्राइवर जान-बूझकर हादसे को अंजाम नहीं देता है।संशोधित कानून से वाहन चालकों के साथ उनके परिवार के साथ भी गलत होगा। हादसे के बाद मौके पर भीड़ इकट्ठा हो जाती है,जिससे वाहन चालकों को जान का भी खतरा रहता है।भीड़ कई बार उग्र हो जाती है,देश में ऐसे कई उदाहरण हैं,जहां वाहन चालक की भीड़ ने हत्या तक कर दी।
चालक मनीष विश्वकर्मा का कहना है कि यदि कानून में सरकार ने संशोधन नहीं किया तो हम वाहनों का संचालन नहीं कर पाएंगे।ड्राइवर को सजा देने का अधिकार न्यायालय के पास सुरक्षित है और कई मामलों में वाहन चालकों को सजा भी हुई है।सरकार ने जो फैसला लिया है उसमें वाहन चालकों के हित का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।