रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। गीता अमृतम सत्संग धारा द्वारा रविवार को ग्राम डोंगरवाडा स्थित निर्माणधीन भगवान जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में गीता जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डा. आशुतोष शर्मा ने कहा कि व्यक्ति चार प्रकार के कहे गए हैं उसमे श्रेष्ठ वे होते हैं, जो सभी के लिए सुख की कामना करते हैं। ज्ञात रहे कि गीता अमृतम सत्संग संस्था द्वारा पिछले इस वर्ष से प्रति एकादशी को गीता का पाठ किया गया, जिसका आज समापन हुआ। इस अवसर पर गीता के पंद्रहवें अध्याय पुरुषोत्तम योग का पाठ किया गया। इस अवसर पर संतोष व्यास ने कहा कि व्यक्ति की वास्तविक सम्पदा विचारों में होती है, जो स्वाध्याय से आते हैं। उन्होंने गीता के गूढ़ रहस्यों को बहुत ही साधारण तरीके से समझाया। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों को गीता प्रबोधनी उपहार स्वरूप दी गई। कार्यक्रम में हर्ष तिवारी, चित्र हरने, राजेश राजपूत, प्रमोद शर्मा ने अपने अनुभव सांझा किए। संचालन अमित पाराशर और आभार स्वामी प्रसाद दास ने किया। आगे गीता पाठ हर एकादशी को यथावत करने का निर्णय किया गया।