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अजीवका मिशन की जांच टीम ने शक्ति समूह के सिर्फ अध्यक्ष से लिए बयान समूह के सदस्यों के नहीं की किये बयान दर्ज जबकि समूह के सचिव व अध्यक्ष ने रू निकाले थे मगर सचिव से साठ गांठ नहीं बनी सचिव के जांच टीम ने नहीं किये बयान दर्ज जबकि मौके पर समूह की सचिव।
मौजूद थी। मगर साठ गांठ के चलते। अध्यक्ष के बयान दर्ज किए गए जांच टीम विजय भानू पाठक समूहों के एक ब्यक्ती से बनाकर चलते हैं साठ गांठ क्यों की सचिव देना चाहती थी सच बयान। जांच टीम के समझ समूह के सदस्य रहे मौजूद मगर उनके बैंक राशि निकलवाने में करवायें थे भानू पाठक ने फर्जी हस्ताक्षर उनके नहीं दर्ज किये बयान जांच टीम में आये अजीवका मिशन अधिकारि शुशील
शर्मा ओम त्रिवेदी कमल श्रीवास्तव ब्लॉक प्रबंधक गुनौर नहीं कि निष्पक्षता से विधी पूर्वक नहीं की जांच जब इस संबंध में पत्रिका संवाददाता ने। अधिकारियों से पूछा सवाल की आपको समूहों के सदस्यों एवं सचिव के क्यों नहीं लिये बयान तथा वहां ग्राम वाशियो एवं कुछ महिलाएं ऐसी थी जो समूह में जुड़ी थी जब उनको अधिकारियों की जांच टीम के विषय में जानकारी मिली तो उन्होंने भी अधिकारियों से पूछा की सर हमलोगों को भी पता चला हमलोग समूह में जुड़े है जबकि हमें जानकारी समूह में जुड़ने की जानकारी नहीं है इस संबंध से जांच कमेटी से संवाददाता द्वारा पूछा गया की किसी महिला का बगैर प्रयोजन बताये हुए आधारकार्ड लेक योज करना क्या यह दंडनीय अपराध नहीं है तो इस संबंध में जांच कमेटी गोल मोल जबाब देती रही इस संबंध में अन्य महिलाओं ने जो दूसरे समूह में जुड़ी है। पूछती रही हमारा कोन सा समूह है कौन अध्यक्ष सचिव है मगर जांच अधिकारियों ने कोई जबाब नहीं दिया। मुख्य रूप से जांच अधिकारियों ने शक्ति समूह की महिला सचिव का बयान नहीं लिया अपने साठ गांठ से बनाये शक्ति समूह के सिर्फ बयान दर्ज किए जांच टीम ने पक्षपाती बयान दर्ज किए जबकि शक्ति समूह की सचिव ने मीडिया के समझ बयान देकर लिखित भी दिया की मुझे रू निकालने के लिए अध्यक्ष बैंक ले गये थे मुझे पांच सो रू दिये गये थे जबकि 17 हजार रू निकले थे। अजीवका मिशन अधिकारी ने रू ले लिये थे और कहा था हम गांव आकर दस सदस्यों को रू बांटे गे आजतक रू अजीवका मिशन अधिकारी कर्मचारी रू बांटने नहीं आयें। इस तरह जांच सिर्फ लाभ के लालच में अध्यक्ष से उल्टे सीधे अपने मन मुताबिक बयान दर्ज करवा लिए जबकि शिकायत गुनौर विकासखंड की की गई थी कि सभी जगह अपने एक व्यक्ति से साठ गांठ कर करके अजीब का मिशन कार्य क्षेत्र प्रभारी योजना चला रहे हैं। जबकि शिकायत कर्ता के ऊपर ही समूह में आई राशि में कुछ हिस्सा देने की बात कहते रहे आज ही समूह के अध्यक्ष को रजिस्टर दिया गया है जब मीडिया ने यह पूछा कि अध्यक्ष सचिव के अलावा बैक निकाशी में हस्ताक्षर होते हैं और सदस्यों ने हस्ताक्षर नहीं किए तो। फर्जी हस्ताक्षर कर कैसे राशि निकाली गई मगर इस विषय में जांच अधिकारियों ने जबाब ही नही दिया कलेक्टर महोदय जिला सीओ को विकासखंड की जांच का आवेदन दिया गया था मगर बच्चारवाड़ा के एक ही समूह की मात्रा जांच की गई आए दिन आजीविका मिशन की पन्ना जिले के पिछले दो-तीन वर्ष से लगातार समाचार पत्रों में खबरें भी प्रकाशित की जा रही है लेकिन जिले के आल्हा अधिकारियों द्वारा कोई भी जांच नहीं की जा रही इसके पूर्व में भी क्षेत्रीय प्रबंधक भानु पाठक की जो की श्याम गिरी परीक्षित में पैड्स थे वहां उनके द्वारा भारी मात्रा में वित्तीय अनियमिताएं की गई है अगर वहां के सीएफ और बीडीसी की जांच करवाई जाए तो बहुत बड़ा घोटाला निकलेगा इसी तरह से कल्दा परिक्षेत्र में भी आजीविका मिशन के तहत आजीविका एक्सप्रेस गाड़ियां निकल गई थी मशरूम सेट चरवा शटरिंग आदि गतिविधियों में भारी मात्रा में वित्तीय अनियमित की गई हैलेकिन उसे संबंध में भी थाने से लेकर जिला स्तर पर आवेदन दिए गए थे लेकिन कोई जांच नहीं हुई अब आदिवासी भोली-महिलाओं को पूर्व में फर्जीव द्वारा करके पैसे का हरण किया गया आप इन लोगों का सलेहा परीक्षित में भी यही फर्जी वाला किया जा रहा है अभी ग्राम पंचायत गंज में भी इसी तरह का हाल सामने आया वहां की महिलाओं को जानकारी ही नहीं है कि हमारे आधार कार्ड कब ले लिए गए एवं समूह में कब जोड़ दिया गया आजीविका मिशन के अधिकारियों की भी पूर्व में संलकता भी उजागर हुई थी लेकिन इस संबंध में भी आज दिनांक तक कोई जांच नहीं हो रही सलेहा परीक्षित के हर ग्राम कि अगर जांच की जाए तो पता चलेगा कि महिलाओं को पता ही नहीं है कि हम लोगों को समूह में कबजोड दिया गया एवं राशि आहरित कर ली गई किस तरह से की गई यही हर ग्राम पंचायत गंज सलेहा पटना नयागांव कटरा आदि अनेकों ग्रामों का हाल है इसी तरह हर ग्राम में बने समूहों में यह अध्यक्ष की साथ गांठ करके अन्य समूहों के सदस्यों से छोटा की योजना नहीं पहुंच रही है हमारा उद्देश्य है भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही गरीब अजीबका मिशन गांव-गांव हर समूह की महिलाओं को लाभ पहुंच सके रिपोर्ट संवाददाता धीरेंद्र चौरसिया एवं कमलाकांत मिश्रा