रिपोर्टर सीमा कैथवास
इटारसी। उच्च शिक्षा विभाग म.प्र. शासन, भोपाल के निर्देशानुसार शासकीय कन्या महाविद्यालय इटारसी में “सशक्त भारतीय” विषय पर विषय विशेषज्ञों एवं छात्राओं के मध्य परिचर्चा का आयोजन किया गया। 2047 में विकसित भारत की परिकल्पना पर आधारित परिचर्चा में प्राध्यापकों एवं छात्राओं ने “सशक्त भारतीय” विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा ने कहा कि भारत एक विविधता से भरा हुआ देश है, जिसकी ‘विविधता में एकता’ का जश्न मनाने और भारत के लोगों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत बनाना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है। स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी श्री स्नेहांशु सिंह ने कहा कि सशक्त भारत में समाज के वंचित वर्ग को अपनी अधीनस्थ स्थिति से उभार सकते हैं और आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सकते हैं उन्हें अपने रहने की स्थिति में सुधार, शिक्षा तक पहुंच और अन्य विकासात्मक सेवाओं के अवसर मिलने चाहिए। श्री रविन्द्र चौरसिया ने कहा कि जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र के अलावा, हमारी अपने परिवार और कार्य-क्षेत्र से जुड़ी पहचान भी होती है। लेकिन हमारी एक पहचान ऐसी है जो इन सबसे ऊपर है, और हमारी वह पहचान है, भारत का नागरिक होना। कार्यक्रम संयोजक डॉ. संजय आर्य ने कहा कि हमें अपने राष्ट्र की उन्नति और विकास में भाग लेना चाहिए और सकारात्मक प्रयास करने चाहिए। डॉ. मुकेश चंद्र बिष्ट ने कहा कि आने वाले समय में भारत अधिक स्टार्टअप का नेतृत्व करेगा जिसमें कृषि, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, वित्तीय और सामाजिक प्रभाव वाली परियोजनाएं शामिल हो सकती हैं। परिचर्चा में डॉ. हरप्रीत रंधावा, श्रीमती मंजरी अवस्थी, श्रीमती पूनम साहू, श्री रविन्द्र चौरसिया, डॉ. मुकेश चंद्र बिष्ट, श्री स्नेहांशु सिंह, डॉ. संजय आर्य, डॉ. शिखा गुप्ता, डॉ. नेहा सिकरवार, तरुणा तिवारी, कु. क्षमा वर्मा, कु. प्रिया कलोसिया, श्रीमती शोभा मीणा, कु. करिश्मा कश्यप तथा छात्राएं उपस्थित थी।