हरदा हमारे देश में जन्म लेने वाले 1000 बच्चों में से लगभग 7 से 9 बच्चों में हृदय रोग होने की संभावना होती है। ऐसे सभी बच्चों की पहचान कर उनका आवश्यक उपचार व सर्जरी करवाना हमारा पहला लक्ष्य है। यह बात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एच.पी.सिंह ने निःशुल्क बाल हृदय रोग परीक्षण शिविर के शुभारंभ अवसर पर कही। शुभारंभ अवसर पर मोंजूद अपोलो सेज हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग जैन उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना एवं आयुष्मान भारत निरामयम् मध्यप्रदेश के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के चिन्हांकन के लिए शिविर का आयोजन किया गया, शिविर में कुल 39 बच्चों का पंजीयन कराया गया। जिनमें से 18 बच्चों को सर्जरी की आवश्यकता पाई गई। ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ अनुराग जैन व उनकी टीम ने सभी बच्चो की ईको मशीन द्वारा जांच की। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रभारी जिला समन्वयक आशीष साकल्ले ने बताया कि इन बच्चों की सर्जरी निःशुल्क करवाई जावेगी। उन्होने बताया कि आर.बी.एस.के. कार्यक्रम के तहत मोबाईल हेल्थ टीमों द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र व स्कूल में नियमित रूप से भ्रमण कर स्क्रीनिंग की जाती है। बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान ही एैसे बच्चों का चिन्हांकित कर उनकी जॉच हृदय रोग विशेषज्ञ से करवाने के बाद उनकी सर्जरी होती है। इस वित्तीय वर्ष में कुल 11 बच्चों के हृदय की सर्जरी जिले में करवाई जा चुकी है। आज के शिविर में सर्जरी व वाल्ब के लिए चिन्हांकित बच्चों की आगामी माह में सर्जरी होगी। शिविर में डॉ. आशीष शर्मा, डॉ. मंजू वर्मा, डॉ.गीतांजली उईके, डॉ. विजय मीना, डॉ. आशीष धुर्बे एवं डॉ. परमानंद छलोत्रे ने बच्चों की सामान्य जॉच में सहयोग प्रदान किया।
हरदा से श्रीराम कुशवाहा की रिपोर्ट