कटनी। मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए जैविक खेती का प्रशिक्षण शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय कटनी में दिया जा रहा है। विद्यार्थियों को कम लागत तकनीकी जीरो बजट फार्मिंग के अंतर्गत ग्राम में उपलब्ध कचरा गोबर फसल अवशेष खरपतवार से गोबर कंपोस्ट बनाने के लिए 20 फीट लंबा 5 फुट चौड़ा एवं 3 फुट गहरा गड्ढा खोदकर बतलाई गई विधि से उपरोक्त सामग्री भरकर 4 माह में गोबर कंपोस्ट बनाने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। प्रति हेक्टर 20 से 25 टन गोबर कंपोस्ट बोनी से पूर्व खेत में फैलाकर जुताई करने की जानकारी दी गई। खेत में कच्चा गोबर एवं कचरा डालने से खरपतवारों में वृद्धि पोषक तत्वों की कमी तथा दीमक मैं वृद्धि होती है अतः कंपोस्ट डालने की सलाह दी गई। फसलों में काटने वाले कुतरने वाले रस चूषक एवं फल छेदक कीट लगते हैं। जैविक कीटनाशकों का उपयोग फसल की प्रारंभिक अवस्था से प्रति सप्ताह डालने से फसलों में कीट एवं रोग नहीं लगते। गोमूत्र से बीज उपचार जैविक कीटनाशक शीघ्र खाद बनाकर फसलों में उपयोग तथा नीम पत्ती गोमूत्र एवं पांच पत्ती काढ़ा नीमस्त्र ब्रह्मास्त्र एवं आग्नेयास्त्र बनाने तथा फसलों में प्रयोग करने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण प्राचार्य डॉक्टर सुधीर खरे के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर व्ही के द्विवेदी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा दिया जा रहा है।