रिपोर्टर सीमा कैथवास
सिवनी मालवा । बानापुरा रेंज के आदिवासी अंचल क्षेत्र में सागौन सहित इमारती पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर है। सालों से हो रही अवैध कटाई पर वन विभाग का मौन रहना आश्चर्यजनक है। एक ओर तो वन भूमि पर कटाई कर अवैध कब्जा कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर लकड़ी तस्कर इमारती लकड़ी विशेषकर सागवान की लकड़ी की अवैध कटाई कर उसे चोरी छुपे फर्नीचर बनाकर बेचने में निरंतर बेखौफ लगे हैं। यह भी सही हैं कि अवैध कटाई से लेकर फर्नीचर के निर्माण व बिक्री का पूरा कार्य खुलेआम चल रहा है। फिर भी वन विभाग के अधिकारियों का आंख मूंदकर बैठना यह साबित करता है कि जंगलों की अवैध कटाई वन विभाग की सरपरस्ती पर खुलेआम चल रही है। जंगलों के संरक्षण संवर्धन तथा वनों की सुरक्षा के लिए केंद्र व राज्य सरकार प्रतिवर्ष क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है किंतु पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने में वन विभाग पूरी तरह असफल रहा है या यूं कहें कि वन विभाग अवैध कटाई व वन तस्करों के संरक्षण को लेकर कार्य कर रहा है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
शासन ने पर्यावरण को बढ़ावा देने वनों की सुरक्षा करने गांव-गांव में वन सुरक्षा समितियों का गठन भी किया है जो वनों की सुरक्षा के साथ साथ पर्यावरण जागरूकता के लिए भी कार्य करती हैं किंतु यहां तो वन सुरक्षा समिति सिर्फ कागजों में बनी हुई है। इसलिए वनों की सुरक्षा ताक पर है और वन तस्कर खुलेआम शासन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जब हमने क्षेत्र का पैदल भ्रमण किया तो क्षेत्र में ही सैकड़ों की तादाद में सागौन के पेड़ों की कटाई दिखाई दी।