कटनी। जैविक खेती को गति प्रदान करने एवं शिक्षा के साथ स्वरोजगार स्थापित करने के लिए मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत स्नातक स्तर की कक्षाओं में जैविक खेती को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। यह प्रशिक्षण स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद में प्राचार्या डॉक्टर सरिता पांडे के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ प्रीति नेगी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा विद्यार्थियों को दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में फसलों में रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के अंधाधुंध असंतुलित मात्रा में उपयोग करने से भूमि मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को हो रहे नुकसान की जानकारी दी गई। भूमि में कार्बन का स्तर निरंतर घट रहा है जिसके कारण मृदा की भौतिक रासायनिक एवं जैविक गुणों में गिरावट आई है।अतः भविष्य में मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता को संरक्षित रखने एवं टिकाऊ बनाए रखना के लिए जैविक खेती की आवश्यकता। खेती की लागत को कम करने के उपाय जीरो बजट फार्मिंग तथा बाजार पर निर्भरता कम करने का तकनीकी प्रशिक्षण विद्यार्थियों को दिया गया। ग्राम में उपलब्ध संसाधनों से जैविक खादों एवं कीटनाशकों को बनाने तथा फसलों में उपयोग की जानकारी दी गई जिस भूमि के उर्वरा शक्ति में वृद्धि पोषक तत्वों की उपलब्धता तथा जल धारण क्षमता में वृद्धि हो सके।