मिशन कायाकल्प चालायवान होने के बाबजूद भी जिले के सरकारी स्कूलों के भवनों की तस्वीरे नही बदल पा रही आलम यह है की छोटे छोटे ननिहाल बच्चे जर्जर हुए छत के नीचे बैठ पढ़ने को मजबूर हैं। जिससे प्रतीत होता है कि शासन शिक्षा के नाम पर छोटे बच्चों के भविष्य और जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही है
हम बात कर रहे हैं कटनी जिले के
रीठी जनपद शिक्षा केंद्र से महज 3 किलोमीटर दूर पर संचालित प्राथमिक शाला अहिरगवा की । जहा स्कूल की छत जर्जर हो चुकी है और ननिहाल बच्चो के ऊपर छत का पालस्टर टूटकर गिरने का खतरा मडराता रहता हैं।जबकि कुछ ही महीनों पूर्व प्राथमिक शाला मुहास
में छत का प्लास्टर टूट कर गिरने से एक बच्चा लहू लहान हो गया था जिसका सरकारी अस्पताल में इलाज किया गया था ।उसके बावजूद भी जिम्मेदारों को इसकी को परवाह नही। अहिरगवा स्कूल शिक्षक ने बताया कि इसकी जानकारी कई बार हमने उच्च अधिकारियों की दी परंतु आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई और ऐसे स्कूल की बिल्डिंग में संचालन किया जा रहा है ।
स्कूल चलें हम…सब पढ़ें-सब बढ़ें और सर्व शिक्षा अभियान जैसे तमाम सरकारी दावों का दावा करने वाली सरकार कुंभकरणीय निद्रा से कब जागेगी ।
हरिशंकर बेन