रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। जिले में तवा एवं नर्मदा सहित सहायक नदियों की रेत खदानों पर वर्तमान में किसी भी रेत ठेकेदार को उत्खनन की परमिशन नहीं मिली है। बारिशकाल से ही रेत खदानों पर एनजीटी की रोक भी लगी हुई थी। रेत खदानों पर उत्खनन एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगा हुआ है उसके बावजूद जिले भर में रेत खदानों पर रसूखदार माफिया रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन में लगे हुए हैं। मीडिया द्वारा निरंतर रेत के उत्खनन और परिवहन की खबरें प्रकाशित की जा रही हैं। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के दिशा निर्देशन में खनिज विभाग का अमला निरंतर कार्रवाई भी कर रहा है। जिला खनिज
अधिकारी देवेश मरकाम के नेतृत्व में खनिज अमला अवैध उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने के लिए निरंतर कार्रवाई कर रहा है परंतु रसूखदार रेत माफियाओं का कॉकस इस कदर हावी है कि उन्हें अधिकारियों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही की सूचना मिल जाती है। रसूखदार रेत माफिया पर राजनीतिक संरक्षण इतना हावी हो चुके हैं कि वह प्रशासन पर दबाव तक बना देते हैं। रेत माफिया ने अधिकारियों की मॉनिटरिंग के लिए उनके घर, बंगले और ऑफिस के आसपास अपने गुर्गे सक्रिय कर रखे हैं जो अधिकारियों की हर लोकेशन को रेत का उत्खनन और परिवहन करने वाली को मोबाइल से सूचित करते हैं। वहीं दूसरी तरफ रेत का अवैध कारोबार रसूखदार नेताओ के मिलीभगत से भी चलता है। जिला मुख्यालय पर करीब 5 किलोमीटर के दायरे में नर्मदा नदी के भोपाल मार्ग पर नर्मदा पुल के पास डोंगरवाडा खर्राघाट और बीटीआई कर्बला रेत घाट, तवा नदी की बांद्राभान, मगरिया पुल,रायपुर रेत खदान, निमसाड़ियां, जासलपुर, चपलासर, बाबई रोड आंचल खेड़ा तवा पुल, पवारखेड़ा रेत खदान पर रसूखदार रेत माफिया दिनदहाड़े ट्रैक्टर ट्रालियों से निरंतर अवैध रेत का खनन और परिवहन में लगे रहते हैं। यहां पर रसूखदार रेत माफिया सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े होने के कारण इन पर प्रशासन भी हाथ डालने से कतराता है। इक्का-दुक्का कार्यवाही कर खानापूर्ति कर इतिश्री करता है। सूत्रों की माने तो यह पूरा खेल राजनीतिक रसूखदारी में भी चल रहा है। कुछ माह पूर्व ग्राम पंचायत रायपुर के सरपंच द्वारा रेत के अवैध उत्खनन परिवहन को लेकर देहात थाने में मामला दर्ज कराया गया था। तब भाजपा से जुड़े एक रसूखदार नेता को थाने में तलब किया गया था बाद में पूरे मामले को दबा दिया गया। उस दौरान दो डंपर, जेसीबी , लोडर भी जप्त किया गया था। आज शुक्रवार की सुबह मीडिया टीम ने बांद्राभान मगरिया पुल, ग्राम रायपुर रेत खदान, निमसाड़ियां रेत खदान सहित नर्मदा नदी की कर्बला बीटीआई और डोंगरवाला खर्राघाट रेत खदान पर पहुंच कर वास्तविक स्थिति देखी। इस दौरान रेत खदानो पर अवैध रूप से बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रालियों से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन होते दृश्यों को मीडिया ने अपने कैमरे में कैद किया। जिला खनिज अधिकारी दिवेश मरकाम ने बताया कि खनिज विभाग द्वारा सूचना मिलने पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण भी दर्ज कराए गए हैं। रेत खदानों की नीलामी हो गई है, ठेकेदार द्वारा प्रक्रिया पूर्ण कर जल्द ही रेत खदानों को शुरू किया जाएगा। ठेकेदर के आ जाने से अवैध उत्खनन और परिवहन पर प्रतिबंध सहित अंकुश भी लगेगा। नर्मदापुरम के पूरे जिले में रेत खदानों पर उत्खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन नर्मदा नदी की बीटीआई कर्बला खदान और डोंगरवाड़ा नर्मदा नदी के खर्रा घाट की खदानों से अवैध उत्खनन लगातार दिनदहाड़े जारी रहता है और रेत माफिया खुलेआम कर्बला खदान से रेत का उत्खनन कर ट्रैक्टर ट्राली से बीच शहर में रेत का परिवहन करते देखे जाते हैं लेकिन जिम्मेदार खनिज विभाग के इंस्पेक्टर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। जबकि इसी प्रकार डोंगरवाड़ा नर्मदा नदी खर्रा घाट से भी दिनदहाड़े रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा था और रात और दिन भोपाल तिराहे से होते हुए शहर में निर्माण कार्य स्थलों पर धड़ल्ले से इन अवैध रूप से किया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और खनिज इंस्पेक्टर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं जो कि उनकी मिली भगत की ओर भी इशारा कर रहा है । सूत्रों की माने तो दिनदहाड़े शहर में सैकड़ो ट्रैक्टर ट्राली से नर्मदा नदी के कर्बला और खराघाट से रेत का अवैध उत्खनन सहित परिवहन किया जाता है लेकिन इक्की दुक्की ट्रैक्टर ट्राली पर कार्यवाही की जाती है जिससे ज्ञात होता है कि संबंधित विभाग के जिम्मेदारो की संलिप्तिता से भी इनकार नहीं किया जा सकता है?? क्या जिला प्रशासन आचार संहिता के चलते इन अवैध उत्खनन और परिवहन पर कोई पुख्ता कारवाई अब करेगा?