दिनांक 28 सितंबर 2023.. विश्व रेबीज दिवस. रेलवे हॉस्पिटल नरसिंहपुर. 2023 का थीम. एक के लिए सभी. सभी के लिए एक स्वास्थ्य है.. प्रसिद्ध वैज्ञानिक लुई पाश्चर. की याद में Who द्वारा 28 सितंबर 2007. रेबीज एवं रेबीज के वैक्सीन के बारे में खोज करने वाले वैज्ञानिक की याद में मनाया जाता है. तथाwho. ने 2030 तक कुत्ते से मनुष्य के बीच में होने वाले रेबीज को खत्म करने के लिए लक्ष्य रखा गया है.. रेबीज वायरस मस्तिष्क पहुंच जाता है. जिसे मसल्स. पैरालाइज हो जाता है. जिसे मानसिक भ्र्म बुखार दर्द. तथा हवा और पानी से डर लगने लगता है. रेबीज दो प्रकार का होता है.1. फ्यूरियस रेबीज.80% मनुष्य के दिमाग में सूजन यानी इंसेफेलाइटिस होता है.2. लकवा ग्रस्त रेबीज. इसे गंगा रेबीज भी कहते हैं. इसमें शरीर लकवा ग्रस्त हो जाता है… रेबीज के कारण विश्व स्तर पर59000. मानव मृत्यु.होती है. वहीं भारत में 36% मृत्यु. होती है.. रेबीजसे संक्रमित कुत्ते बिल्ली या अन्य जंगली जानवर के काटने से फैलता है.. जिस घर में कुत्ते या बिल्ली जो पलते हैं उसे घर में पालतू पेट्स को वैक्सीनेशन 100% परसेंट करना चाहिए. क्योंकि यदि एक बार यह संक्रमित हो गया तो मृत्यु तय है कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक है… यदि कोई भी जानवर का कोई काट ले तो हमें क्या करना चाहिए.. यह कदम केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में ब्रेन तक पहुंचने में वायरस के प्रवेश को रोक सकती है.1 घाव को साबुन एवं पानी से 15 मिनट तक पानी से धोना चाहिए.2 ब्लीडिंग हो रहा हो तो ब्लीडिंग को तत्काल रखना चाहिए..3. जितना जल्दी हो सके गांवके इलाज चालू करवा लेना चाहिए.4. जानवर के बारे में जानकारी लें यदि पालतू है तो टीकाकरण कंफर्म कर लेना चाहिए.5 मरीज को तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए. जिस गांव का इलाज टेटनस एवं एंटी रेबीज वैक्सीन दिया जा सके.. हमें क्या नहीं करना चाहिए.1. झाड़ फूंक के चक्कर में नहीं रहना चाहिए. गुनिया तांत्रिक ऐसे लोगों से कृपया दूरी बनाए रखें. सिर्फ और सिर्फ मेडिकल ही इसका इलाज है.2. सही समय पर एंटी रेबीज वैक्सीन जरूर लगवा लेना चाहिए. अक्सर देरी होने में. वायरस का बढ़ाने का खतरा हो सकता है.3. कंप्लीट डोज ना लगवाना. यह सबसे बड़ी लापरवाही होती है. डॉक्टर के बताए अनुसार ही सही डोज और सही समय पर वैक्सीन लगवा लेना चाहिए.3. कैंसर रोग में एक बार आशा की किरण होती है. लेकिन रेबीज ग्रसित व्यक्ति मे100% मृत्यु होता है.. रेबीज के मामले में ज्यादातर बिना टीकाकरण के घरेलू कुत्तों से ही ज्यादा फैलता है99% रेबीज. होता है. जिसमें 5 वर्ष से लेकर के 14 वर्ष के बच्चे तार ज्यादातर इफेक्ट होते हैं.. अतः सबसे बड़े जागरूकता की कमी होने की वजह से ही रेबीज को कंट्रोल करने में मुश्किल हो रहा है. नगर निगम एवं स्थानीय प्रशासन स्टेट डॉग को वैक्सीनेशन कर लेना चाहिए. जिसे रेबीज में होने वाले मृत्यु. को पूरी तरह से कम किया जा सकता है. 23 जून 2021 को गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रेबीज मुक्त राज्य घोषित किया था. जिसमें पिछले 3 साल से रेबीज का एक भी मामला रजिस्टर्ड नहीं हुआ था. अतः हम सब मिलकर के लिए रेबीजकेबचाव के वैक्सीनेशन अवश्य लगवाएं. और रेबीज मुक्त भारत बने. डॉ आर आर कुर्रे.. पश्चिम रेलवे जबलपुर.
नरसिंहपुर से अंकित नेमा की रिपोर्ट