विश्नोई के बयान की सिहोरा में चौतरफा निंदा
सिहोरा जिला की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच पाटन मझौली के विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई के आए बयान ने सिहोरा की राजनीति में तहलका मचा दिया है। दिनभर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पाटन विधायक के बयान की चौतरफा निंदा होती रही। लोगों ने खुलकर कहा कि पाटन के विधायक अगर सिहोरा जिला का समर्थन नहीं कर सकते तो कम से कम इस तरह का बयान देकर विरोध तो ना करें।
छिंदवाड़ा याद है सिहोरा नहीं-
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति कृष्ण कुमार कुररिया ने पाटन विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जारी वीडियो में माननीय विश्नोई को छिंदवाड़ा के प्रभारी कार्यकर्ता होने के दिन तो याद हैं पर सिहोरा और मझौली वासियों के आपसी संबंध और सिहोरा के लोग जिस तरह से उनके प्रत्येक चुनाव में अपनी भूमिका निभाते हैं उसे याद करना विधायक ने उचित नहीं समझा।
अनर्गल बयान न दे
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के सन्तोष पांडे ने कहा की जारी वीडियो में पाटन विधायक ने कहा कि जब जबलपुर को तोड़कर कटनी जिला बनाया गया था तो पार्टी कटनी से हार गई थी। इससे उनका सिहोरा के प्रति सिहोरा के जिला के प्रति विरोध स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आता है। इससे उन पर पूर्व में वाले वे आरोप भी सत्य प्रतीत होते है कि सिहोरा के विखंडन और आरक्षित सीट होने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका उन्हीं की रही है।
आप तक बात क्यों जाए
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के विकास दुबे ने कहा की बिश्नोई जी का यह कहना कि सिहोरा की जनता जनार्दन की बात उन तक पहुंचे फिर वे सिहोरा जिला के मामले को देखेंगे समझ से परे है।आप न तो मुख्यमंत्री है न मंत्री फिर ऐसे बयान किस हक से जारी किए गए।जबकि इससे पूर्व सैकड़ो की संख्या में सिहोरा वासी उनसे सिहोरा जिला के लिए समर्थन मांगने गए थे।जिसमे उन्होंने सिहोरा जिला की मांग को जायज बताते हुए जिला बनने की वकालत की थी।
मझौली को मिलाकर सिहोरा जिला बनेगा –
समिति के अनिल जैन ने दावा किया कि सिहोरा,मझौली, ढीमरखेड़ा और बहोरीबंद चार शरीर और एक आत्मा है,इन क्षेत्रों के लोगो के वर्षो के आत्मिक संबंध है जिन्हे दुनिया की कोई ताकत अलग नहीं कर सकती।जल्द ही सिहोरा जिला बनेगा और मझौली उसका अभिन्न अंग होगा।
भूख हड़ताल जारी रही – इसी बीच सिहोरा में शनिवार को भी भूख हड़ताल जारी रही।भूख हड़ताल पर संतोष पांडे,अनिल जैन,गुड्डा विश्वकर्मा,कृष्ण कुमार कुररिया,सुनील कुररिया,रामजी शुक्ला,नत्थू पटेल बैठे।