नरसिंहपुर राजकुमार दुबे*
ग्राम बेलखेड़ी शेढ़ अमृत सरोवर को पूर्ण करने के लिए कलेक्टर के आदेश की भी उड़ गई धज्जियां कलेक्टर महोदया ने दिया था 1 महीने का समय लेकिन नहीं हुआ कार्य पूर्ण अजब-गजब पंचायत बेलखेड़ी शेढ़*
कलेक्टर महोदया के नियमों को अपनी ऐंठ पर रखते हैं सरपंच सचिव जीआरएस
शासन प्रशासन की मंशा और आम जनता की जरूरत भृष्टाचार की भेंट चढ़ाते जी
जिम्मेदार
ग्रामीण इलाकों में जल संकट को खत्म करने और भविष्य की पीढ़ी के लिए जल संचयन और जल संरक्षण के उद्देश्य से दिनाँक–24 वर्ष-2022 को मिशन अमृत सरोवर शुरू किया गया था।मिशन अमृत सरोवर के अंतर्गत प्रत्येक जिले में 75 सरोवरों का निर्माण किया जाएगा जो कि एक एकड़ भूमि पर बनेगा और जिसकी जल भंडारण क्षमता 10,000 हजार घन मीटर होगी।प्रत्येक अमृत सरोवर में नीम,पीपल,और बरगद से घिरा हुआ होगा।प्रत्येक अमृत सरोवर से सिंचाई व्यवस्था, मछली पालन,बत्तख पालन, सिंघाड़े की खेती, जल पर्यटन, और अन्य जलीय गतिविधियां उपयोग करके आजीविका का सृजन किया जा जाएगा।
लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है, जिम्मेदारों ने सरकार को अंधेरे में रखकर इस योजना को पलीता लगा दिया है।निर्माण की समय अवधि पूर्ण पूर्ण होने के बाद भी सभी अमृत सरोवर आज भी अधूरे पड़े हुए हैं,कुछ तो धरातल से ही गायब हैं।लगभग सभी सरोवरों में गाइडलाइन के विपरीत कार्य किये जा रहे हैं।शासन की गाइडलाइन थी जैसे सरोवर की वाल, आउटलेट,मिट्टी का कटाव रोकने के लिए काले पत्थरों की पिचिंग,केचमेंट एरिया,आदि एकदम सही होना चाहिए लेकिन जिले में बनने वाले लगभग सभी सरोवरों में कई तकनीकी खामियां देखने को मिल रही हैं।अब जबकि प्रदेश में मानसून आ चुका है लेकिन अभी भी जिले के अधिकांश सरोवर खाली पड़े हुए हैं।
👉 ऐसे ही एक अमृत सरोवर का निर्माण कार्य 23 लाख 80 हजार की लागत से गोटेगांव जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत शेड़ बेलखेड़ी में किया जा रहा है।इस सरोवर को प्रारंभ किया गया था 28-04-2022 में और 28-04-2023 तक इसका निर्माण कार्य पूरा किया जाना चाहिए था।लेकिन निर्माण की समय अवधि पूर्ण होने के बाद भी यह अभी तक अपूर्ण की स्थिति में है।ग्रामीणों का कहना है किजिस जगह सरोवर का निर्माण कार्य किया जा रहा है वह जगह सरोवर के लिए अनुचित है क्योंकि वहाँ पर ऊंचे नीचे मिट्टी के टीले हैं, छोटे छोटे पहाड़ हैं।जागरूक नागरिकों का कहना है कि इस अमृत सरोवर से 50 मीटर दूर गौशाला है और लगभग 100 मीटर की दूरी पर शेड़ नदी बह रही है जिसमें बारह महीने पानी भरा रहता है।ग्रामीणों का साफ आरोप है कि यह जगह सरोवर के निर्माण लिये उपयुक्त नहीं है इसका निर्माण सिर्फ भृष्टाचार करने के लिए ही किया जा रहा है।
ग्रामीणों के आरोप सही प्रतीत होतें है क्योंकि जिले में बनने वाले अमृत सरोवर में गड़बड़ी का मामला जिला पंचायत की बैठकों से लेकर विधानसभा में तक उठ चुका है।
दिनाँक-19-04-2023 जिला कलेक्टर महोदया सुश्री ऋजु बाफना ने ग्राम शेड़ बेलखेड़ी में अमृत सरोवर का निरीक्षण करते हुए इसे एक माह में पूरा करने के निर्देश दिए थे लेकिन आज लगभग तीन माह गुजर जाने के बाद भी सरोवर के निर्माण की स्थिति ज्यों की त्यों है।जिम्मेदारों द्वारा लगातर कलेक्टर महोदया के निर्देशों का पालन न करते हुए अपनी मनमानी की जा रही है।
जिला प्रशासन की भूमिका–पिछले तीन साल से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग नरसिंहपुर में जो मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदस्थ हैं वह तालाब निर्माण कार्य में मास्टर डिग्री का अनुभव रखते हैं लेकिन इन्ही के कार्यकाल में खेत तालाब ढूढ़ने से भी नही मिल रहे हैं, करोड़ो की लागत से बनाए गए मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर बहुत ही खराब दुर्दशा का शिकार हो चुके हैं।मुख्यमंत्री ग्राम सरोवरों में कहीं खेती की जा रही है तो कहीं उनमें पानी की भराई नही हो रही है और कुछ तो 5 साल गुजरने पर भी निर्माण कार्य अधूरा पड़े हुए है।
जिला कलेक्टर महोदया ने की सख्ती __जिले में लगभग एक वर्ष से सभी अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन एक वर्ष गुजरने के बाद भी कोई एक सरोवर भी नियमानुसार पूर्ण नही हो सका है।
श्रेय लेने की जल्दबाजी में कई अपूर्ण सरोवरों का फीता काट दिया गया था।
जिसके बाद कलेक्टर महोदया ने जिले के सभी सरोवरों का निर्माण जैसे ही अपनी निगरानी में कराना शुरु किया वैसे ही निर्माण गति में तेजी आना शुरु हो गई है।
अब देखना होगा कि आने वाले समय में किस तरह अमृत सरोवरों का निर्माण पूर्ण किया जाता है।